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Agniveer False claim: शहीद अक्षय गवाटे के पिता लक्ष्मण गावटे ने अग्निवीरों पर राहुल गांधी के दावे को गलत बताया है। लक्ष्मण गावटे ने बताया कि उन्हें सरकार से 1.08 करोड़ रुपए की सहायता राशि मिली है।

Agniveer False claim: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार(1 जुलाई) को अग्निवीर योजना को लेकर कई सवाल उठाए। राहुल गांधी ने कहा कि अग्निवीर जवानों को ना तो पेंशन दी जाती है और ना ही उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाता है। अग्निवीर जवानों को शहीद होने पर मुआवजा भी नहीं मिलता।  हालांकि, शहीद अग्निवीर अक्षय गावत के पिता ने इन दावों को गलत बताया है। बता दें कि अक्षय गावत सियाचीन में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए थे। 

शहीद अक्षय गावटे के पिता ने क्या कहा?
अक्षय गावत कर्नाटक बुलढाणा जिले स्थित पिंपलगांव सराय के रहने वाले थे। उनके पिता ने लक्ष्मण गावते से जब राहुल गांधी के बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह बात कहना गलत है कि शहीद होने वाले अग्निवीरों को सरकार की ओर से मुआवजा नहीं दिया जाता । अक्षय गावत के पिता ने बताया कि उनके बेटे के शहीद होने के बाद उन्हें केंद्र सरकार की ओर से 50 लाख रुपए मिले थे। इसके साथ ही 48 लाख रुपए इंश्योरेंस की रकम और 10 लाख रुपए राज्य सरकार की ओर से दिए गए। अक्षय गावत के पिता ने बताया कि उन्होंने सरकार से अपने बेटी के लिए सरकारी नौकरी भी मांगी है। यानी कि मुआवजे के तौर पर कुल 1.5 करोड़ रुपए मिले।

जून 2022 में शुरू हुई थी अग्निपथ योजना
बता दें कि केंद्र सरकार ने 14 जून 2022 को अग्निपथ योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत 17 से 21 साल के युव सेना में नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं। अग्निवीर जवान चार साल तक सेना में नौकरी कर सकते हैं। इनमें से 25 प्रतिशत जवानों को नौकरी में 15 साल का एक्सटेंशन भी देने की बात कही गई। सरकार ने नियमाें में बदलाव किया है। अब 23 साल तक के युवा अग्निपथ स्कीम के तहत आवेदन कर सकते हैं। 

अग्निवीर जवानों को कितना मिलता है मुआवजा
इंडियन आर्मी की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, अगर अग्निवीर जवान ड्यूटी पर शहीद होता है तो उसे कई तरह के फायदे मिलते हैं। शहीद अग्निवीरों को 48 लाख रुपए बीमा राशि के तौर पर मिलते हैं। 44 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाता है। शहीद अग्निवीरों के परिवारों को चार साल का पूरा वेतन भी दिया जाता है। इसके साथ ही आर्मी सर्विस फंड में जमा रकम और सरकार की ओर से सहायता राशि भी दी जाती है। वहीं, अगर अग्निवीर की मौत ड्यूती पर नहीं होती है तो 48 लाख रुपए बीमा की राशि और सेवा निधि कोष और सरकार की ओर से आर्थिक सहायता राशि मिलती है। अगर अग्नीवीर जवान विकलांग हो जाए तो डिसैबिलिटी परसेंटेज के आधार पर सहायता राशि तय की जाती है। 

अग्निवीर को कितनी मिलती है सहायता राशि
सेना की वेबसाइट के अनुसार, अगर अग्निवीर की ड्यूटी के दौरान मृत्यु होती है तो उन्हें 48 लाख का बीमा कवर, 44 लाख अनुग्रह राशि, चार साल तक का पूर्ण वेतन, सेवा निधि कोष में जमा राशि और सरकार का योगदान मिलता है। अगर अग्निवीर की मृत्यु ड्यूटी के दौरान नहीं होती है तो परिवार को 48 लाख का बीमा कवर और सेवा निधि कोष में जमा राशि और सरकार का योगदान मिलता है। विकलांग होने की स्थिति में अनुग्रह राशि विकलांगता के स्तर पर निर्भर होती है।

अग्निवीर यूज एंड थ्रो मजदूर हैं: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि एक छोटे से घर का अग्निवीर लैंड माइन ब्लास्ट में शहीद हो गया। मैं उसे शहीद कह रहा हूं लेकिन हिंदुस्तान की सरकार उसे शहीद नहीं कहती। नरेंद्र मोदी उसे शहीद नहीं कहते। नरेंद्र मोदी उसे अग्निवीर कहते हैं। उस घर को पेंशन नहीं मिलेगा, उसक घर को मुआवजा नहीं मिलेगा। शहीद का दर्जा नहीं मिलेगा। आम जवानों को मुआवजा और पेंशन नहीं मिलेगा। हिंदुस्तान की सरकार आम जवानों की मदद करेगी लेकिन अग्निवीर को जवान नहीं कहा जा सकता। अग्निवीर यूज एंड थ्रो मजदूर है। 

'अग्निवीरों काे शहीद होने पर मिलता है 1 करोड़ मुआवजा'
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी के बयान को गलत बताया। राजनाथ सिंह ने कहा कि अग्निवीर जब शहीद होते हैं तो उनके परिवार के सदस्यों को मुआवजे के तौर पर 1 करोड़ रुपए दिए जाते हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि राहुल गांधी की बातें सदन को गुमराह करने वाली हैं। नेता प्रतिपक्ष को बोलने से पहले अपने दावों को वेरिफाई करना चाहिए। साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी से माफी मांगने को कहा।
 

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