Dating App Scam: साउथ-ईस्ट एशिया के कई देशों से डिजिटल दुनिया में लोगों को ठगने के लिए संगठित गिरोह सक्रिय हैं। गौर करने वाली बात ये है कि जालसाजी के इस रैकेट में जाने-अनजाने में कई भारतीय युवा भी शामिल हैं। एक दिन पहले ही भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने 47 भारतीय युवाओं को छुड़ाया है, जिन्हें लाओस में बंधक बनाकर साइबर स्कैम में धकेला गया था। इन्हें विदेश में अच्छी नौकरी के नाम पर लाओस बुलाया गया और वहां पहुंचने पर उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए। ये सभी लोग मजबूरी में डेटिंग ऐप स्कैम के लिए काम करने लगे थे।
पिछले दिनों लाओस और कंबोडिया में नौकरी के नाम पर भारतीयों से धोखेबाजी और उन्हें साइबर गुलाम बनाने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इस मुद्दे पर पिछले महीने विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपनी लाओस यात्रा के दौरान वहां के प्रधानमंत्री सोनक्साय सिफंदोन से भारतीय नागरिकों की तस्करी और उनकी रिहाई को लेकर चर्चा की थी।
Embassy of India successfully rescues 47 Indians trapped in cyberscam centres in Golden Triangle SEZ of Lao PDR. Detailed press release below: pic.twitter.com/Ap4BTJYP7c
— India in Laos (@IndianEmbLaos) August 31, 2024
भारतीय मिशन ने अब तक 635 युवाओं को लाओस से छुड़ाया
भारतीय दूतावास के मुताबिक, शनिवार को छुड़ाए गए 47 भारतीय गोल्डन ट्रायंगल स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (SEZ) के साइबर स्कैम सेंटरों में फंसे हुए थे। इनमें से 29 लोगों को लाओस की सरकार ने अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई के बाद भारतीय दूतावास को सौंप दिया, जबकि 18 अन्य लोगों ने साइबर गुलामी से मुक्ति के लिए इंडियन एंबेसी से मदद की गुहार लगाई थी। इसके बाद दूतावास के अधिकारियों ने इन भारतीयों को बचा लिया।भारतीय मिशन ने अब तक लाओस से 635 भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने में कामयाबी हासिल की है।
जानिए क्या है जालसाजी का नया तरीका?
- भारतीयों को शानदार नौकरी के ऑफर के साथ लाओस बुलाया जाता है और वहां पहुंचने पर उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए जाते हैं ताकि वे आसानी से वापस नहीं लौट पाएं। इसके बाद उन्हें फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर महिलाओं के रूप में बात करने और ऑनलाइन यूजर्स को ठगने के लिए मजबूर किया जाता है। उन्हें हर दिन नए टारगेट दिए जाते हैं, और अगर वे इन्हें पूरा नहीं कर पाते तो उन्हें सजा दी जाती है।
- जालसाजी डेटिंग ऐप्स पर महिलाओं के रूप में डिजिटल यूजर्स से बातचीत करते हैं और कुछ समय बाद उन्हें क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए मना लेते हैं। इस तरह कई भारतीयों को ठगा जा चुका है। बता दें कि पिछले महीने भी भारतीय दूतावास ने लाओस के साइबर स्कैम सेंटरों में फंसे 13 भारतीयों को छुड़ाकर सुरक्षित भारत वापस भेजा था।