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Puja Khedkar row: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने बुधवार को पूजा खेडकर की अस्थायी उम्मीदवारता को रद्द कर दिया और उन्हें भविष्य में किसी भी यूपीएससी परीक्षा में बैठने से प्रतिबंधित कर दिया।

Puja Khedkar row: ट्रेनी आईएएस अधिकारी पुजा खेडकर पर झूठे दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के आरोपों के बीच, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) अब 6 अन्य सिविल सेवकों के दिव्यांगता प्रमाण पत्रों की जांच करने जा रहा है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, DoPT ने मेडिकल सर्विसेस के महानिदेशक (DGHS) से इन उम्मीदवारों के डिसेबिलिटी स्टेटस की दोबारा जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित करने को कहा है। इन 6 अफसरों के मेडिकल सर्टिफिकेट्स को सोशल मीडिया में झूठा बताया जा रहा है।

15 हजार से ज्यादा उम्मीदवारों का डेटा रिव्यू

  • UPSC ने कहा है कि उसने 15 हजार से अधिक उम्मीदवारों के डेटा का रिव्यू किया और पाया कि सिर्फ खेडकर ने परीक्षा के लिए ज्यादा प्रयास किए थे। बोर्ड ने यह भी कहा कि यह विसंगति मुख्य रूप से खेडकर द्वारा अपने और अपने माता-पिता के नामों के बदलाव की वजह से हुई।
  • UPSC नियमों के अनुसार, आरक्षण का लाभ लेने के लिए उम्मीदवारों के पास कम से कम 40 प्रतिशत दिव्यांगता होनी चाहिए। UPSC दिव्यांगता वाले उम्मीदवारों को आयु सीमा में छूट, अतिरिक्त प्रयास और परीक्षा केंद्रों पर विशेष प्रावधान प्रदान करता है।

यूपीएससी ने पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द की
2022 में खेडकर ने यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल (YCM) अस्पताल से 7 फीसदी लोकोमोटर दिव्यांगता प्रमाण पत्र हासिल किया, जबकि फिजियोथेरेपी विभाग ने कोई दिव्यांगता नहीं बताई थी। उन्होंने कथित रूप से इस प्रमाण पत्र का उपयोग करके सिविल सेवा परीक्षा में अधिक बार बैठने की अनुमति ली थी, जो नियमों का उल्लंघन था। इस मामले में दोषी पाए जाने पर इसी हफ्ते UPSC ने खेडकर की 2022 की सिविल सेवा परीक्षा के लिए उम्मीदवारी को रद्द कर दिया और उन्हें भविष्य में परीक्षाएं देने से प्रतिबंधित कर दिया। 

पूजा खेडकर केस की जांच कर रही दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ने UPSC की शिकायत के बाद पूजा खेड़कर के खिलाफ केस दर्ज किया है। झूठे दिव्यांगता और जाति प्रमाण पत्र जमा करने के मामले में UPSC ने कहा कि वह प्रारंभिक जांच करता है और प्रमाण पत्रों को वैध मानता है यदि वे सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी किए गए हैं। UPSC ने यह भी कहा कि वह हर साल उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत किए गए अनेकों प्रमाण पत्रों की सत्यता की जांच नहीं कर सकता।

दिल्ली कोर्ट ने खेडकर की जमानत याचिका ठुकराई
गुरुवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। ट्रेनिंग आईएएस अधिकारी पर UPSC परीक्षा पास करने के लिए धोखाधड़ी के तरीके अपनाने का आरोप है। खेडकर ने UPSC परीक्षा में अधिक प्रयास करने के लिए अपनी पहचान को नकली बनाने के आरोप में अग्रिम जमानत की मांग की थी। कोर्ट ने नोट किया कि दिल्ली पुलिस, जो जांच एजेंसी है, को अपनी जांच का विस्तार करने की जरूरत है। पुलिस से कहा है कि पता लगाएं कि क्या UPSC के अंदर ही किसी ने खेडकर की मदद तो नहीं की।

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