Abhijit Gangopadhyay Join BJP: कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने गुरुवार को कोलकाता में भाजपा जाइॅन कर लिया। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, विधानसभा में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी, सांसद लॉकेट चटर्जी आदि नेताओं की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली। सुकांत मजूमदार ने गंगोपाध्याय को भाजपा का झंडा थमाया।
5 महीने बाद था रिटायरमेंट
जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय इस साल अगस्त में रिटायर होने वाले थे। लेकिन 5 मार्च की दोपहर 3 बजे उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। अपने आखिरी फैसले में गंगोपाध्याय ने ईस्ट मेदिनीपुर जिले के एक जज को बर्खास्त करने का फैसला सुनाया। यह फैसला बतौर कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के करियर का आखिरी फैसला साबित हुआ।
#WATCH | Kolkata, West Bengal | Former Calcutta High Court judge Justice Abhijit Gangopadhyay joins the BJP in the presence of state party chief Sukanta Majumdar, LoP Suvendu Adhikari and others. pic.twitter.com/hOPGX9p33j
— ANI (@ANI) March 7, 2024
पूर्व जस्टिस गंगोपाध्याय ने जज रहते ममता सरकार के 14 मामले ईडी और सीबीआई को भेजे। तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने उन पर निष्पक्ष न होने के आरोप लगे। संभव है कि टीएमसी उनके सभी फैसलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी जाए। फिलहाल, पूर्व जस्टिस आज पश्चिम बंगाल में भाजपा जॉइन कर सकते हैं। इससे पहले उन्होंने इस बात का खुलासा किया कि वे राजनीति में क्यों आए हैं? साथ ही अपने ऊपर लगे आरोपों की भी बात की।
मैंने कभी जज रहते राजनीति नहीं की
जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा कि मैंने एक मौजूदा न्यायाधीश के रूप में कभी राजनीति नहीं की है। मैंने कभी भी कोई ऐसा फैसला नहीं दिया है, जो किसी राजनीति से प्रभावित हो। मैंने निर्णय देते वक्त हमेशा तथ्यों को देखा जो मेरे सामने रखे गए।
यदि कोई अत्यधिक भ्रष्ट है और उसका भ्रष्टाचार किसी न्यायाधीश के सामने प्रकाश में आता है, तो न्यायाधीश हमेशा उचित एजेंसी द्वारा भ्रष्टाचार की जांच कराने के लिए अपना पूरा प्रयास लगाकर सही काम करेगा। मैंने वही किया है। यह किसी के भी (पार्टी के) पक्ष में नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में सवाल क्यों नहीं उठाए
गंगोपाध्याय ने कहा कि मेरा तृणमूल कांग्रेस नेताओं के साथ कई बार टकराव हो चुका है। मुझे आश्चर्य है कि टीएमसी निष्पक्ष न होने का आरोप लगाती है। लेकिन उन्होंने कभी मेरे फैसलों के खिलाफ अपीलीय या सुप्रीम कोर्ट के सामने सवाल नहीं उठाया। वजह साफ है। टीएमसी केवल अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए लोगों का, जनता का ध्यान भटकाना चाहती है।
चुनौती मिली तो 5 महीने दिया इस्तीफा
गंगोपाध्याय ने खुलासा किया कि उनका कभी भी किसी राजनीतिक दल में शामिल होने का इरादा नहीं था। उन्होंने कहा कि मैंने सोचा था कि मैं उचित समय पर यानी अब से पांच महीने बाद रिटायर हो जाऊंगा। लेकिन फिर, मुझे पता चला कि जब लोग मुझे चुनौती दे रहे हैं और मुझे राजनीति में उतरने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं, तब मैंने निर्णय लिया कि क्यों न पहले ही रिटायरमेंट ले लिया जाए।
कॉमन फ्रेंड ने भाजपा से कराई बात
गंगोपाध्याय ने कहा कि अब मैं भाजपा जॉइन कर रहा हूं। भाजपा जाइॅनिंग की बात एक कॉमन फ्रेंड के जरिए हुई। उस वक्त मैं सात दिनों की छुट्टी पर था। छुट्टी खत्म होने पर बीजेपी ने ऑफर दिया। मैंने कुछ कॉमन दोस्तों के जरिए भी बीजेपी से संपर्क किया। बातचीत फाइनल होने के बाद मैंने इस्तीफा दे दिया।