Acharya Pramod Krishnam on PM Modi And Ram Mandir: कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से एक दिन पहले रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री नहीं होते तो राम मंदिर कभी नहीं बन पाता। कांग्रेस अक्सर 'मंदिर वहीं बनाएंगे पर तारीख नहीं बताएंगे' कहकर बीजेपी पर निशाना साधती रही है। ऐसे में कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद के बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। उन्होंने राम मंदिर का निमंत्रण ठुकराने को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा।
विहिप और बजरंग दल के बलिदान को किया याद
एएनआई से बातचीत में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। जिससे सदियों पुराने राम जन्मभूमि विवाद का निपटारा हुआ। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन को उसके परिणाम तक पहुंचाने के लिए विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के सदस्यों के 'बलिदान' को भी स्वीकार किया।
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#WATCH | On Ram Temple pranpratishtha, Congress leader Acharya Pramod Krishnam says, "It is correct that the temple has been constructed after the Supreme Court's order. But had Modi not been the Prime Minister of the country, had someone else been the Prime Minister this verdict… pic.twitter.com/6Yqs4yyheh
— ANI (@ANI) January 21, 2024
प्राण प्रतिष्ठा का पूरा श्रेय पीएम मोदी को
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि लंबी लड़ाई और सुप्रीम कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले के बाद भगवान राम कल 22 जनवरी को अपने जन्मस्थान पर लौटेंगे। अगर पीएम मोदी नहीं होते तो ये मंदिर कभी नहीं बन पाता। इसलिए मैं राम मंदिर बनने और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का पूरा श्रेय पीएम मोदी को देना चाहता हूं। कई सरकारें रहीं। कई प्रधानमंत्री आए और गए, लेकिन किसी ने भी राम मंदिर के लिए 500 साल के इंतजार को खत्म करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखाई। विहिप और बजरंग दल के सदस्यों ने भी बहुत बलिदान दिए।
उपवास के लिए पीएम मोदी को सराहा
प्रधानमंत्री मोदी के 11 दिवसीय अनुष्ठान की प्रशंसा करते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि उन्होंने कुछ कठोर धार्मिक नियमों को अपनाया है और देश भर में भगवान राम से जुड़े मंदिरों और स्थलों का दौरा करते हुए उपवास कर रहे हैं। पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर अब तक आज देश ने कई प्रधानमंत्री देखे हैं। लेकिन किसी ने लंबे समय से चली आ रही मांग या इच्छा को पूरा करने के लिए इतना बड़ा प्रयास नहीं किया। मैं इस काम के लिए प्रधानमंत्री की सराहना करता हूं।
मोदी का विरोध करिए, मगर राम का नहीं
अयोध्या में 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने के लिए विपक्षी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि भगवान राम की विशेषता वाले कार्यक्रम का हिस्सा बनने का अवसर अस्वीकार करना भारतीय संस्कृति का अपमान करने के समान है।
उन्होंने कहा कि मैं इसे गंभीर दुर्भाग्य के रूप में देखता हूं। सिख, मुस्लिम, ईसाई धर्म के किसी भी उपदेशक ने भगवान राम के निमंत्रण को अस्वीकार नहीं किया। देवता हमारी आत्मा में निवास करते हैं और विश्वास से परे हैं। उनके बिना देश की कल्पना नहीं की जा सकती है। प्रभु राम के निमंत्रण को अस्वीकार करने का मतलब भारतीय संस्कृति का अपमान करना है। यही कारण है कि महात्मा गांधी ने 'राम राज्य' और कांग्रेस का सपना देखा था। कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो उनके आदर्शों का समर्थन करती है, लेकिन राम विरोध नहीं होना चाहिए। मैं सभी विपक्षी दलों से भाजपा के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह करूंगा, लेकिन भगवान राम और सनातन के खिलाफ नहीं।
#WATCH | On Opposition leaders declining the invitation to Ram Temple pranpratishtha, Congress leader Acharya Pramod Krishnam says, "This is unfortunate. Not even a Christian or a priest or Muslim can decline the invitation of Lord Ram. Ram is the soul of India. Without Ram,… pic.twitter.com/9zW80MpYL1
— ANI (@ANI) January 21, 2024
खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि...
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे भगवान राम की 'प्राण प्रतिष्ठा' का निमंत्रण मिला। यह देखते हुए कि अयोध्या कैसे बदल गई है, मैं यहां आकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। यह मेरे पिछले जीवन के कुछ अच्छे कर्मों का परिणाम होगा। आज की अयोध्या और पहले की अयोध्या में वही अंतर है जो अंधेरे और उजाले में है।