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Congress on Adani Bribery Case: अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी पर धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी के आरोप लगे हैं। इसके बाद बीजेपी और कांग्रेस में जुबानी जंग शुरू हो गई है।

Congress on Adani Bribery Case: अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी पर धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी के आरोप लगे हैं। इसके बाद भारत में सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस ने एक बार फिर से अडाणी ग्रुप के ट्रांजेक्शन की PAC ( संयुक्त संसदीय समिति) जांच कराने की मांग दोहराई है। इसके साथ ही कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि पीएम मोदी और उनके फेवरेट बिजनेसमैन के बीच गहरी सांठगांठ है। इस पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा कि कांग्रेस को जरूरत से ज्यादा उत्साहित होने की जरूरत नहीं है।  

'कांग्रेस लंबे समय से कर रही है पीएसी जांच की मांग'
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि गौतम अडाणी और दूसरे लोगों पर यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की ओर से आरोप लगाए गए हैं। इससे कांग्रेस की ओर से अडाणी ग्रुप के लेन-देन की PAC जांच की मांग पुख्ता हुई है। बता दें कि कांग्रेस जनवरी 2023 से ही अडाणी ग्रुप की बिजनेस डीलिंग में कथित अनियिमितााओं की पीएसी जांच कराने की मांग कर रही है। 

'हमारे 100 सवालों के जवाब अब तक नहीं मिले हैं'
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा-कांग्रेस 2023 से ही अलग अलग 'मोदानी' घोटालों की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) जांच की मांग कर रही है। कांग्रेस ने 'हम अडानी के हैं कौन (HAHK)'  सीरीज भी चलाई थी। इस सीरीज में इन घोटालों के कई पहलुओं को उठाया गया था। प्रधानमंत्री एवं उनके 'फेवरेट' बिजनेसमैन के बीच के घनिष्ठ संबंधों को उजागर किया था। हमारी ओर से 100 सवाल पूछे गए थे। हमें इन सवालों के जवाब आज तक नहीं मिले हैं।

'सरकारी प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए दी गई रिश्वत'
अब न्यूयॉर्क के ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने गौतम एस अडाणी, सागर एस अडानी और दूसरे लोगों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। इनमें कहा गया है कि साल 2020 और 2024 के बीच भारत सरकार के अफसराें को 250 मिलियन डॉलर (2,100 करोड़ रुपए) से ज्यादा की रिश्वत दी गई। यह रिश्वत 'भारत सरकार के सोलर पावर प्लांट्स के प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए दी गई। 

'इलेक्ट्रॉनिक और सेलुलर फोन सबूत होने का दावा'
जयराम रमेश ने लिखा है कि इस प्रोजेक्ट से टैक्स देने के बाद 2 बिलियन  डॉलर यानी कि करीब (16,800 करोड़ रुपए) से ज्यादा का मुनाफा होने का अनुमान था।” इसमें आरोप लगाया गया है कि 'कई मौकों पर, गौतम अडाणी ने रिश्वत की स्कीम को आगे बढ़ाने के लिए निजी तौर पर एक भारतीय अफसर से मुलाकात की। इसका इलेक्ट्रॉनिक और सेलुलर फोन सबूत होने का दावा भी  किया गया है।

सत्ता के भूखे नेताओं ने देश को बर्बाद किया
ये सब प्रधानमंत्री के स्पष्ट संरक्षण और कुछ नहीं होगा वाली सोच के साथ की गई धोखाधड़ी है। यह अडाणी ग्रुप के अपराधों के लंबे रिकॉर्ड के जैसे ही हैं। तथ्य यह है कि अडाणी की उचित जांच करने के लिए विदेशी अधिकार क्षेत्र का सहारा लिया गया है। इससे पता चलता है कि कैसे भारतीय संस्थानों पर भाजपा ने कब्जा कर लिया है कैसे लालची और सत्ता के भूखे नेताओं ने देश में दशकों के संस्थागत विकास को बर्बाद कर दिया है।

SEBI अडाणी ग्रुप की जांच करने में विफल
इस खुलासे के बाद SEBI की नाकामी भी एक बार फि से सामने आई है। सेबी अडाणी ग्रुप के सिक्योरिटीज और दूसरे कानूनों के उल्लंघन की जांच कर रहा है। सेबी ग्रुप को उसके निवेश के सोर्स, शेल कंपनियों से जुड़ी अनियमितताओं में ज़म्मेदार ठहराने में पूरी तरह से नाकाम रहा है। अब आगे का सही रास्ता यही होगा कि 'अडाणी महाघोटाले में सिक्योरिटीज लॉ के उल्लंघनों की जांच को पूरा करने के लिए एक नए और विश्वसनीय SEBI प्रमुख को नियुक्त किया जाए, और इसकी पूरी जांच के लिए तुरंत एक JPC का गठन किया जाए।

बीजेपी नेता अमित मालवीय ने क्या कहा?
अमित मालवीय बोले- जरूरत से ज्यादा उत्साहित ना होंआरोपों पर बीजेपी नेता अमित मालवीय ने जवाब दिया है। मालवीय ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कोई भी रिएक्शन देने से पहले हमेशा अच्छे से पढ़ना होता है। जिस दस्तावेज का हवाला आपकी ओर से दिया गया है, उसमें साफ लिखा है कि इस अभियोग में कई आरोप लगाए गए हैं। जब तक आरोपी दोषित नहीं साबित हो जाएंं, सभी प्रतिवादियों को निर्दोष माना जाएगा।

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