Bihar Congress MLAs floor test: बिहार में एनडीए से साथ नई सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 12 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित (Floor Test) करना है। इसके मद्देनजर कांग्रेस ने अपने विधायकों की खेमे बंदी शुरू कर दी है। पार्टी को इस बात का डर है कि उसके विधायकों को तोड़ने की कोशिश हो सकती है।
रविवार को तेलंगाना में झारखंड के विधायकों के निकलने के बाद रविवार रात को बिहार के 19 में से 16 कांग्रेस विधायक रंगारेड्डी स्थित एक रिजॉर्ट पहुंच गए। ये सभी विधायक कांग्रेस की बैठक में शामिल होने दिल्ली पहुंचे थे, उन्हें यहीं से चार्टर्ड प्लेन से हैदराबाद भेजा गया है। इसे ऑपरेश लोटस के बचाव की कोशिश माना जा रहा है।
#WATCH | Telangana: Bihar Congress MLAs reach Siri Nature’s Valley Resort in Kagazghat village in Rangareddy.
— ANI (@ANI) February 4, 2024
The floor test of the newly elected NDA government in Bihar is likely to happen on February 12. pic.twitter.com/wpphNFkMIX
दलबदल से बचने के लिए कांग्रेस कर रही कोशिश
बता दें कि बिहार में कांग्रेस के 19 विधायक हैं। इनमें 12 ऐसे विधायक हैं, जो पक्के कांग्रेसी हैं। अगर दलबदल की स्थिति में विधायकी बनाए रखना है तो 13 विधायकों को टूटना होगा। इसी साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव हैं। ऐसे में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन कुछ कांग्रेस विधायकों को लोकसभा चुनाव लड़ने के अलावा मंत्री पद का लालच दे सकता है। इसे और हवा मिली है तेजस्वी यादव के बयान से। उन्होंने कहा था कि खेला तो बिहार में अब शुरू होगा। एनडीए के घटक दल हम पर को लेकर भी असमंजस की स्थिति बन रही है।
आखिर क्या है ऑपरेशन लोटस?
पहली बार 'ऑपरेशन लोटस' 2008 में कर्नाटक में राजनीतिक उठा-पटक के वक्त चर्चा में आया। देखा जाए तो यह भाजपा का कोई अभियान नहीं है, लेकिन पार्टी द्वारा विपक्ष के विधायकों को जोड़-तोड़कर अपने खेमे में लाना ऑपरेशन लोटस है। बिहार में नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस को विधायकों की जोड़-तोड़ का डर है। ऐसे में पार्टी पूरी सावधानी के साथ कदम उठा रही है।
बिहार विधानसभा की मौजूदा स्थिति?
कुल सीटें: 243, बहुमत के जरूरी: 122
सरकार के साथ: 128
BJP- 78, JDU- 45, HAM- 04, Other-01
विपक्ष के साथ: 115
RJD- 79, Congress- 19, Left-16, AIMIM- 01