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Amit Shah criticizes Nehru:गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राजस्थान के जोधपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 लगाकर बहुत बड़ी गलती की। इस गलती को मोदी सरकार ने पांच अगस्त 2019 को सुधारा।

Amit Shah criticizes Nehru: गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राजस्थान के जोधपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए देश के पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधा। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 लगाकर बहुत बड़ी गलती की। इस गलती को मोदी सरकार ने पांच अगस्त 2019 को सुधारा और जम्मू कश्मीर में तिरंगा फहरा दिया। 

एस जयशंकर ने भी नेहरू के फैसले की आलोचना की
बता दें कि इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कच्चातीवू द्वीप के मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आलोचना की थी। एस जयंशंकर ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा था कि मई 1961 में तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू ने अपने एक नोट में लिखा था कि मैं इस छोटे से द्वीप को बिल्कुल भी महत्व नहीं देता और इस पर अपना दावा छोड़ने में मुझे कोई झिझक नहीं होगी। मुझे इस तरह के मामले अनिश्चित काल तक लटके रहना और संसद में बार-बार उठाया जाना पसंद नहीं है। इसका मतलब यह हुआ कि नेहरू के लिए यह द्वीप किसी समस्या की तरह था और वह जल्द इससे छुटकारा पा लेना चाहते थे।

पीएम मोदी ने बीजेपी स्थापना के समय के सभी वादे पूरे किए
गृह मंत्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन सारे वादों को पूरा किया है जो बीजेपी की स्थापना के समय किए गए थे। शाह ने कांग्रेस पर राम मंदिर से जुड़े मुद्दे को दशकों तक नजरअंदाज करने भी आरोप लगाया। गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने 70 साल तक ना सिर्फ राम जन्मभूमि का मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश करती रही। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ इसकी आधारशिला रखी बल्कि 22 जनवरी को राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा भी किया।

लोकसभा में भी शाह कर चुके हैं नेहरू की आलोचना 
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधा है। बीते साल लोकसभा में उन्होंने कहा था कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने दो बड़ी गलतियां की। पहला तो यह कि साल 1948 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए जंग में पूरा कश्मीर जीते बिना ही सीजफायर की घोषणा कर दी। अगर नेहरू ने तीन दिन बाद सीजफायर की घोषणा की होती तो आज पूरा कश्मीर हमारा होता।  और दूसरी गलती यह थी कि वह कश्मीर के हमारे आंतरिक मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र गए।

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