AP Assembly Election Result 2024 Live: आंध्र प्रदेश में इस बार के विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन ने सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी को करारी हार दी है। राज्य विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी, कांग्रेस के नेतृत्व वाले भारत गठबंधन, और बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के बीच मुकाबला था।13 मई, 2024 को एक ही चरण में 25 लोकसभा और 175 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुआ था।
चुनाव नतीजों के रुझान में महज 10 सीटों पर सिमटने के बाद वाईएसआरसीपी के अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जगन मोहन रेड्डी ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा भेज दिया।
आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन राज्य की 175 सीटों में से 60 सीटों पर जीत हासिल कर ली है और 161 सीटों पर आगे चल रही है। तेलगू देशम पार्टी 51 सीटों पर जीत चुकी है और 136 सीटों पर आगे चल रही है, पवन कल्याण की जनसेना पार्टी 7 सीटों पर जीत चुकी है और 14 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, बीजेपी ने 2 सीटों पर जीत हासिल कर ली है और 8 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं राज्य की सत्तारूढ़ YSRCP ने 2 सीटों पर जीत हासिल कर ली है और 8 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर आगे
पार्टी | जीत | आगे | कुल |
तेलगू देशम (TDP) | 51 | 85 | 136 |
जनसेना पार्टी(JSP) | 7 | 14 | 21 |
युवजन श्रमिक रैयतु कांग्रेस पार्टी (YSRCP) | 2 | 8 | 10 |
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) | 2 | 8 | 10 |
Live Updates:
- ताजा रुझानों के मुताबिक, राजमुंदरी विधानसभा सीट से आंध्र प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एन.टी. रामा राव की बेटी डॉ. दग्गुबाती पुरंदेश्वरी 50,000 से अधिक वोटों के आगे चल रही हैं। पुरंदेश्वरी इससे पहले कांग्रेस से सांसद रह चुकी हैं। पुरंदेश्वरी 2014 में बीजेपी में शामिल हो गई थीं। पुरंदेश्वरी का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार गिदुगु रुद्र राजू और वाईएसआरसीपी के गुडुरी श्रीनिवास से है।
- आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन जगन मोहन रेड्डी की पार्टी को कड़ी टक्कर दे रहा है। सुबह 11 बजे तक के रुझानों के मुताबिक सिर्फ मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पुलिवेंदुला और मंत्री बोच्चा सत्यनारायण चीपुरुपल्ली से आगे चल रहे हैं। राज्य के तीनों डिप्टी सीएम पी राजन्ना डोरा, के सत्यनारायण और अमजद बाशा शेख अपनी सीटें बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
- टीडीपी, जेएसपी और बीजेपी एनडीए गठबंधन राज्य की 175 विधानसभा सीटों में से 145 पर आगे चल रहा है। वाईएसआरसीपी अभी तक केवल 24 विधानसभा सीटों पर आगे चल रही है। टीडीपी उत्तरी आंध्र और पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी जिलों में बेहतर प्रदर्शन कर रही है, साथ ही रायलसीमा के वाईएसआरसीपी के गढ़ में भी अपनी पैठ बना रही है, जहां वह 52 विधानसभा सीटों में से 40 से अधिक पर आगे चल रही है।
- चुनाव आयोग के ताजा अपडेट के मुताबिक, कुप्पम लोकसभा सीट से एन चंद्रबाबू नायडू मामूली बढ़त बनाए हुए हैं। वहीं पीथापुरम लोकसभा सीट से जन सेना पार्टी के अध्यक्ष और जाने-माने अभिनेता पवन कल्याण आगे चल रहे हैं। बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में, टीडीपी के नारा चंद्र बाबू नायडू ने वाईएसआरसीपी के कृष्ण चंद्र मौली के खिलाफ जीत हासिल की थी।
- शुरुआती रुझानों से TDP के नेतृत्व वाले गठबंधन का मजबूत प्रदर्शन दिख रहा है। विधानसभा चुनावों में, TDP के नेतृत्व वाला गठबंधन वर्तमान में 175 सीटों में से 100 से अधिक सीटों पर आगे चल रहा है। सत्तारूढ़ YSRCP अब तक 11 सीटों पर आगे है।
प्रमुख उम्मीदवार और सीटें:
- चंद्रबाबू नायडू (टीडीपी)
- जगन मोहन रेड्डी (वाईएसआरसीपी)
- पवन कल्याण (जेएसपी)
- वाई एस शर्मिला(कांग्रेस)
- डग्गुबती पुरंदेश्वरी (बीजेपी)
- आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), और पवन कल्याण की जन सेना पार्टी (जेएसपी) के गठबंधन ने शुरुआती रुझानों में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) से बढ़त बना ली है। इस गठबंधन के तहत टीडीपी 61 सीटों पर, बीजेपी 3 सीटों पर, और जेएसपी 10 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी 15 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
पोस्टल बैलट की काउंटिंग
डाक मतपत्रों की गिनती में टीडीपी के बुचिया चौधरी ने राजमुंदरी ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में मामूली बढ़त हासिल की है, जबकि वाईएसआरसीपी रामचंद्रपुरम विधानसभा सीट पर आगे चल रही है। मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने अपनी कई कल्याणकारी योजनाओं के बल पर अकेले चुनाव लड़ा, और उन्होंने दावा किया कि राज्य की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी को इन योजनाओं से लाभ मिला है।
आंध्र प्रदेश के कौन से हैं प्रमुख गठबंधन
मुख्य विपक्षी दल, तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), जन सेना पार्टी (जेएसपी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ गठबंधन करके चुनावी मैदान में है। चुनाव से एक साल पहले तक, टीडीपी कहीं भी तस्वीर में नहीं थी और अपनी घटती राजनीतिक जगह को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही थी।
एन चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के बाद बदला घटनाक्रम
सितंबर 2023 में एन चंद्रबाबू नायडू को एपी कौशल विकास निगम में एक कथित घोटाले के सिलसिले में एपी सीआईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था, जो 2014 से 2019 तक तेलुगु देशम पार्टी के शासन के दौरान हुआ था। उन्हें 53 दिन बाद अक्टूबर 2023 को अंतरिम जमानत दी गई और नवंबर 2023 को हाईकोर्ट ने उन्हें नियमित जमानत दे दी। इसने न केवल पूर्व सीएम के लिए सहानुभूति बटोरी, बल्कि अभिनेता से नेता बने और जन सेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण को भी टीडीपी के साथ अपना समर्थन और चुनावी गठबंधन घोषित करने के लिए प्रेरित किया। नायडू और कल्याण ने फिर बीजेपी के साथ गठबंधन में शामिल होने के लिए बातचीत की, जो चुनावों से ठीक दो महीने पहले मार्च में हुई।
टीडीपी-जेएसपी-बीजेपी (एनडीए) गठबंधन
टीडीपी-जेएसपी-बीजेपी (एनडीए) गठबंधन ने जगन मोहन रेड्डी पर आरोप लगाया कि उन्होंने भारी कर्ज लेकर कल्याणकारी योजनाओं शुरू करके राज्य को बर्बाद कर दिया है। मुख्यमंत्री की इन योजनाओं ने राज्य को कर्ज में डुबो दिया है। राज्य में एक निश्चित राजधानी नहीं होने, विकास या औद्योगिक निवेश की कमी और बेरोजगारी जैसे मुद्दे भी टीडीपी और जेएसपी ने उठाए।
2019 में कैसे रहे थे चुनावी नतीजे
2019 के चुनावों में, टीडीपी कोहार का सामना करना पड़ा था। टीडीपी सिर्फ 23 विधानसभा सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई थी। वाईएसआरसीपी के मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ गंभीर सत्ता विरोधी लहर थी। हालांकि, जगन मोहन रेड्डी ने ऐसे कई उम्मीदवारों को या तो रिप्लेस कर दिया या उन्हें दूसरी सीटों से कैंडिडेट बना दिया।
क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर टीडीपी-बीजेपी-जेएसपी गठबंधन अपनी बढ़त बनाए रखता है, तो यह राज्य की राजनीति में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। चंद्रबाबू नायडू की नेतृत्व क्षमता और गठबंधन की रणनीतिक प्लानिंग ने वाईएसआरसीपी के खिलाफ मजबूत चुनौती पेश की है।आंध्र प्रदेश की राजनीति में यह चुनाव महत्वपूर्ण अहम जा रहा है। अगर टीडीपी-बीजेपी-जेएसपी गठबंधन सत्ता में आता है, तो राज्य में नई नीतियों और विकास योजनाओं की दिशा में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। दूसरी ओर, अगर वाईएसआरसीपी सत्ता बरकरार रखती है, तो मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की नीतियों का समर्थन बना रहेगा।