Assam CM Himanta Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सोमवार को विधानसभा में एक अलग तेवर नजर आए। उन्होंने विपक्ष पर गरजते हुए ऐलान किया कि जब तक उनकी सासें चल रही हैं, वे राज्य में एक भी बाल विवाह नहीं होने देंगे। हिमंता ने कहा, 'मेरी बात ध्यान से सुनो, जब तक मैं जीवित हूं मैं असम में बाल विवाह नहीं होने दूंगा। जब तक असम में हिमंता बिस्वा सरमा जिंदा है, चाइल्ड मैरिज नहीं होने देगा। सुन लीजिए। मैं राजनीतिक रूप से आपको चुनौती देना चाहता हूं कि मैं इस बाल विवाह की दुकान को 2026 से पहले बंद कर दूंगा।
दरअसल, असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम को निरस्त किए जाने के बाद से विपक्ष हिमंता बिस्वा सरमा पर हमलावर है। सोमवार को सीएम ने विधानसभा में अपना रुख स्पष्ट कर दिया। उन्होंने विरोध कितना भी हो, लेकिन वे बाल विवाह नहीं होने देंगे। कांग्रेस और एआईयूडीएफ विधायकों ने असम विधानसभा में जमकर हंगामा किया। मुस्लिम विवाह कानून को निरस्त करने के फैसले के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव पेश किया। हालांकि सदन के स्पीकर बिश्वजीत दयमारी ने इसे स्वीकार नहीं किया। इसके बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
#WATCH | Assam CM Himanta Biswa Sarma speaks in the Assembly; says, "...Hear me carefully, as long as I am alive I will not let child marriage take place in Assam. I will not let this happen as long as Himanta Biswa Sarma is alive...I would like to challenge you politically, I… pic.twitter.com/PJgurSDOxz
— ANI (@ANI) February 26, 2024
2026 तक असम को बाल विवाह मुक्त बनाने का लक्ष्य
दरअसल, असम सरकार ने 2023 में बाल विवाह के खिलाफ अभियान छेड़ा था। इसके तहत पूरे राज्य में हजारों लोगों की गिरफ्तारियां हुई थीं। एक आंकड़े के अनुसार, अब तक इस मामले में 4 हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने असम प्रदेश को 2026 तक बाल विवाह मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है।
तीन दिन पहले मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम निरस्त
23 फरवरी, 2024 को असम सरकार ने सदियों पुराने असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम को निरस्त कर दिया। यह अधिनियम विवाह पंजीकरण का लाइसेंस देता था। भले ही दूल्हा और दुल्हन कानून के अनुसार 18 वर्ष की कानूनी उम्र तक नहीं पहुंचे हों। सरकार के इस कदम को राज्य में बाल विवाह रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा गया। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा था कि बहु विवाह पर रोक लगने से बाल विवाह भी रुकेंगे।