Patanjali Misleading Ads Case: योग गुरु रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन मामले में एक बार फिर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद उन्होंने अखबारों में दोबारा विज्ञापन छपवाए और लिखा कि हम बिना शर्त माफी मांगते हैं। दोबारा ऐसा नहीं होगा। पतंजलि ने मंगलवार को भी माफी मांगी थी। लेकिन अदालत ने माफीनामा के साइज पर सवाल उठा दिए थे। पूछा था कि क्या माफीनामा का साइज दवाओं के भ्रामक विज्ञापनों जितना बड़ा है?
एक चौथाई हिस्से में छपवाया माफीनामा
बुधवार, 24 मार्च को प्रकाशित विज्ञापन अखबारों के एक चौथाई हिस्से को कवर करता है। इसका शीर्षक बिना शर्त सार्वजनिक माफी है। आगे लिखा है- भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष चल रहे मामले (रिट याचिका सी. संख्या 645/2022) के मद्देनजर, हम अपनी व्यक्तिगत क्षमता के साथ-साथ कंपनी की ओर से, गैर-अनुपालन या अवज्ञा के लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं।
हम दिनांक 22.11.2023 को बैठक/प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने के लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं। हम अपने विज्ञापनों को प्रकाशित करने में हुई गलती के लिए ईमानदारी से माफी मांगते हैं और यह हमारी पूरी प्रतिबद्धता है कि ऐसी त्रुटियां दोबारा नहीं दोहराई जाएंगी। हम उचित सावधानी और अत्यंत ईमानदारी के साथ माननीय न्यायालय के निर्देशों और निर्देशों का पालन करने का वचन देते हैं। हम न्यायालय की महिमा को बनाए रखने और माननीय न्यायालय/संबंधित प्राधिकारियों के लागू कानूनों और निर्देशों का पालन करने का वचन देते हैं। भवदीय, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, आचार्य बालकृष्ण, स्वामी रामदेव, हरिद्वार, उत्तराखंड।
आज बाबा रामदेव ने अखबार में माफ़ीनामा छपवाया.
— Anshul Singh (@anshulsigh) April 22, 2024
कहा- ग़लती के लिए माफ़ी मांगते हैं और वादा करते हैं कि भविष्य में ऐसी ग़लती नहीं दोहराएंगे. pic.twitter.com/ts1qgLz0H0
पहले छपवाया था छोटा माफीनामा, नाम भी नहीं था
मंगलवार, 23 अप्रैल को प्रकाशित विज्ञापन छोटा था और इसमें योग गुरु बाबा रामदेव और बालकृष्ण के नाम का उल्लेख नहीं था। मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस ए अमानुल्लाह की बेंच ने पूछा था कि क्या माफीनामे को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है? जस्टिस कोहली ने पूछा था कि आपके पहले के विज्ञापनों के समान फॉन्ट और साइज है?
रामदेव और बालकृष्ण की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि माफी 10 लाख रुपये की कीमत पर 67 अखबारों में प्रकाशित की गई थी। लेकिन अदालत अड़ी थी कि विज्ञापनों को फिर से छपवाना होगा। मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी और रामदेव और बालकृष्ण को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है।