West Bengal Governor instructions: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने रविवार को राजभवन कर्मचारियों को निर्देश जारी किया। इस निर्देश में कहा है कि राजभवन कर्मचारी उनके(राज्यपाल के) खिलाफ यौन उत्पीड़न के दावे से संबंधित किसी भी पुलिस समन का जवाब न दें। राजभवन के शांति कक्ष से जुड़े एक अस्थायी कर्मचारी ने राज्यपाल पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
संविधान के किस अनुच्छेद में है राज्यपालों के विशेषाधिकार का जिक्र?
राज्यपाल बोस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राजभवन कर्मचारियों को जारी निर्देश की एक कॉपी भी पोस्ट की है। राज्यपाल बोस ने संवैधानिक नियमों का हवाला देते हुए किसी भी राज्यपाल को राज्य पुलिस द्वारा पूछताछ से छूट मिले होने की बात भी अपने निर्देश में जिक्र किया है। निर्देश में राज्यपाल बोस ने कहा है संविधान के आर्टिकल(361) के क्लॉज 2 और 3 में गवर्नरों और राजप्रमुख को मिले विशेषाधिकारों का उल्लेख है।
राज्यपालों को संविधान देता है कौन से विशेषाधिकार?
राज्यपाल सीवी बोस ने अपने निर्देश में बताया है कि संविधान के आर्टिकल(361) के क्लॉज 2 और 3 के तहत राज्यपालों और राजप्रमुखों को मिले विशेषाधिकारों के मुताबिक, जब तक एक राज्यपाल अपने पद पर है किसी भी कोर्ट में उसके खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला नहीं चलाया जा सकता ही। इसके साथ संविधान के इन नियमों के अनुरूप राष्ट्रपति या किसी भी राज्य के गवर्नर पर उसके पद पर रहते हुए गिरफ्तारी या कैद की सजा सुनाने की प्रक्रिया शुरु नहीं की जा सकती है।
— Raj Bhavan Kolkata (@BengalGovernor) May 5, 2024
राज्यपालों के अधिकार से जुड़ा सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट क्या है?
राज्यपाल ने कहा है कि संविधान के प्रावधानों से यह स्पष्ट होता है कि कोई भी स्टेट मशीनरी राज्यपाल के खिलाफ किसी प्रकार का आपराधिक मामला शुरू नहीं कर सकती। इसके साथ ही अपने निर्देश में राज्यपाल ने सुप्रीम कोर्ट की एक जजमेंट का भी हवाला दिया है। साल 1991 के सर्वोच्च न्यायालय के इस जजमेंट में राज्यपालों को मिले इन विशेषधिकारों को जैस का तस रखा गया है। यह जजमेंट यूनियन कार्बाइड कॉर्पोेरशन बनाम और केंद्र सरकार से जुड़े मामले में सुनाया गया था।
बंगाल के राज्यपाल पर क्या आरोप लगे?
बता दें कि राजभवन के शांति कक्ष में काम करने वाली एक महिला ने राज्यपाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने पश्चिम बंगाल राजभवन को राजभवन से जुड़े सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध करवाने की मांग की थी। गौरतलब है कि राज्यपाल सीवी बोस पर यह आरोप लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के बाद लगाए गए हैं। तीसरे चरण में पश्चिम बंगाल में वोटिंग होगी। चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ टीएमसी चुनावी मंचों से राज्यपाल पर लगे इन आरोपों को प्रमुखता से उठ रही है।
पश्चिम बंगाल दौरे पर राजभवन में ठहरे थे पीएम मोदी
दो दिन पहले ही पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल में तीन चुनावी रैलियों को संबोधित किया था। पीएम मोदी के पश्चिम बंगाल के दौरे पर उनके ठहरने की व्यवस्था राजभवन में की गई थी। राज्यपाल के यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे होने के बावजूद पीए माेदी के राजभवन में रुकने पर टीएमसी ने बीजेपी पर तंज कसा था। वहीं, अपनी रैलियों मेंं पीएम मोदी ने बंगाल की ममता सरकार पर जमकर हमला बोला।