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Congress declining Ram Mandir event invite: अध्योध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस शामिल नहीं होगी। कांग्रेस ने प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को भाजपा और आरएसएस का इवेंट करार देते हुए कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी इसमें शामिल नहीं होंगे। कोई अन्य नेता भी शामिल नहीं होगा।

Congress declining Ram Mandir event invite: कांग्रेस ने राम मंदिर के उद्घाटन समारोह के न्योते को ठुकरा दिया है। इस पर सियासत शुरू हो गई है। भाजपा ने गुरुवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर निशाना साधा। प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जिक्र करते हुए कहा कि यह नेहरू की कांग्रेस है। यह गांधी की कांग्रेस नहीं है। क्योंकि महात्मा गांधी 'रघुपति राघव राजा राम' गाते थे और आज कांग्रेस 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह में शामिल नहीं हो रही है। इससे पता चलता है कि कांग्रेस हिंदू धर्म और हिंदुत्व के खिलाफ है। 

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण हुआ। कांग्रेस ने 10 दिनों तक कोई बयान जारी नहीं किया था। कांग्रेस ने प्रणब मुखर्जी के भारत रत्न समारोह में भी हिस्सा लेने से मना कर दिया था। जबकि प्रणव उनकी पार्टी के सदस्य थे। इस बहिष्कार मानसिकता के कारण ही जनता उनका बहिष्कार कर रही है।

कांग्रेस ने कहा था- चुनाव के लिए हो रहा अधूरे मंदिर का उद्घाटन
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में सदन के नेता अधीर रंजन चौधरी राम मंदिर के अभिषेक समारोह में शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस की तरफ से बुधवार को इस बाबत लेटर जारी किया गया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि धर्म एक निजी मामला है। लेकिन भाजपा और आरएसएस ने लंबे समय तक अयोध्या और राम मंदिर को राजनीतिक प्रोजेक्ट बनाया है। चुनावी लाभ लेने के लिए बीजेपी और आरएसएस के नेताओं द्वारा अधूरे मंदिर का उद्घाटन जाहिर तौर पर किया जा रहा है। 

स्मृति ईरानी बोलीं- भगवान राम विरोधी चेहरा देश के सामने
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी बुधवार को कांग्रेस के फैसले पर प्रतिक्रिया दी। ईरानी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का भगवान राम विरोधी चेहरा देश के सामने है। कांग्रेस ने ही कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि भगवान राम काल्पनिक हैं। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और कांग्रेस की अगुवाई वाले INDI गठबंधन ने बार-बार सनातन धर्म का अपमान किया है। अब INDI गठबंधन के नेताओं द्वारा 'प्राणप्रतिष्ठा' के निमंत्रण को अस्वीकार करना उनकी सनातन विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। 

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