Brij Bhushan Sharan Singh On Wrestling Federation of India Suspension: भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह ने रविवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कुश्ती महासंघ पर हुई कार्रवाई को लेकर कहा कि मैं कुश्ती खेल से संन्यास ले चुका हूं। मैंने अच्छा किया या बुरा किया, इसका फैसला समय करेगा। अब कानूनी प्रक्रिया का पालन करना है। खेल मंत्रालय के निर्णय पर जो लोग चुने गए हैं, वे इसका फैसला लेंगे। लोकसभा चुनाव आ रहा है। मुझे बहुत काम है। खेल मंत्रालय के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाना या नहीं, इसका फैसला कुश्ती महासंघ करेगा। अभी भी मैं सरकार और खेल मंत्रालय से निवेदन करूंगा कि वह अपनी देखरेख में दिल्ली में चुनाव करा ले।
#WATCH | After the Union Sports Ministry suspends the newly elected body of the Wrestling Federation of India, former WFI chief Brij Bhushan Sharan Singh says, "...Sanjay Singh is not my relative...The announcement to hold U-15 and U-20 nationals in Nandini Nagar was to ensure… pic.twitter.com/wE5dW76KO7
— ANI (@ANI) December 24, 2023
संजय सिंह मेरे रिश्तेदार नहीं
सांसद बृजभूषण ने कहा कि संजय सिंह भूमिहार हैं। वे मेरे रिश्तेदार नहीं हैं। अंडर-15 और अंडर-20 के आयोजन का आनन-फानन में पुरानी कमेटी ने फैसला लिया था। यह सत्र 31 दिसंबर को समाप्त हो जाएगा। बच्चों का एक साल बर्बाद न हो, इसलिए यह फैसला लिया गया। नंदिनी नगर में टूर्नामेंट की घोषणा इसलिए की गई, क्योंकि कोई कराने के लिए तैयार नहीं था। 25 सभी फेडरेशनों ने यह बात लिखकर दी है।
#WATCH | Delhi: On suspension of the newly elected body of Wrestling Federation of India (WFI) by Union Sports Ministry, Wrestler Sakshee Malikkh says, "This has happened for the betterment of the wrestlers. We had been saying that this was the fight of the daughters and sisters.… pic.twitter.com/MU3LLh0x21
— ANI (@ANI) December 24, 2023
पहलवानों की भलाई के लिए हुआ काम: साक्षी मलिक
संजय सिंह के चुनाव जीतने के बाद कुश्ती से संन्यास की घोषणा करने वाली पहलवान साक्षी मलिक ने खेल मंत्रालय के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कुश्ती संघ का निलंबन और संजय सिंह के फैसलों पर रोक पहलवानों की भलाई के लिए लगाई गई है। हम तो कह रहे थे कि यह बेटियों और बहनों की लड़ाई है। यह जीत का पहला कदम है।