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Judge Abhijit Gangopadhyay to Resign: जस्टिस गंगोपाध्याय ने पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपए की शिक्षक भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। साथ ही 32 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी थी।

Judge Abhijit Gangopadhyay to Resign: कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने रविवार को अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि वे मंगलवार, 5 मार्च को जस्टिस के पद से इस्तीफा दे देंगे। उसी दिन वह अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम को भेजेंगे। टीएमसी ने उन्हें राजनीति में उतरने के लिए चैलेंज किया था। गंगोपाध्याय ने अभी राजनीति में उतरने की अटकलों पर टिप्पणी करने से इंकार किया है। फिलहाल, उनके इस कदम का भाजपा और कांग्रेस ने स्वागत किया है। 

इस्तीफे के बाद सभी सवालों का जवाब दूंगा
जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा कि मैं मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश के पद से इस्तीफा दे दूंगा। मैं अपना त्यागपत्र भारत के राष्ट्रपति को भेजूंगा और पत्र की एक प्रति भारत के मुख्य न्यायाधीश और कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भेजूंगा। मैं आज इस पर और कुछ नहीं कहना चाहता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि जब वह अपना इस्तीफा सौंप देंगे, उसके बाद मीडिया के सभी सवालों का जवाब देंगे। 

क्यों टीएमसी ने किया था चैलेंज?
दरअसल, उत्तर बंगाल की एक महिला ने अपने पति की कोविड-19 से मौत के बाद नौकरी और मुआवजे के लिए अदालत का रुख किया था। जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का जिक्र किया था। अभिषेक बनर्जी की संपत्ति पर मौखिक टिप्पणी की थी। जिसके बाद टीएमसी सांसद कुणाल घोष ने कहा था कि जज को इस्तीफा देकर अभिषेक बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहिए।

 Judge Abhijit Gangopadhyay
Judge Abhijit Gangopadhyay

 कौन हैं अभिजीत गंगोपाध्याय?
1962 में कोलकाता में जन्मे न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय वर्तमान में कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं। गंगोपाध्याय ने मित्रा इंस्टीट्यूशन (मेन)- कोलकाता में एक बंगाली-माध्यम स्कूल में पढ़ाई की। उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई हाजरा लॉ कॉलेज से की। उन्होंने पढ़ाई के दौरान एक बंगाली थिएटर में अभिनय भी किया। उन्होंने आखिरी बार 1986 में एक नाटक में अभिनय किया था।

अपने कॉलेज के बाद गंगोपाध्याय ने उत्तरी दिनाजपुर में तैनात पश्चिम बंगाल सिविल सेवा (डब्ल्यूबीसीएस) ए-ग्रेड अधिकारी के रूप में अपना करियर शुरू किया। फिर उन्होंने नौकरी छोड़ दी और कलकत्ता एचसी में राज्य वकील के रूप में अभ्यास करना शुरू कर दिया। वह 2018 में कलकत्ता एचसी में एक अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शामिल हुए और 2020 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।

सरकार के खिलाफ दिया था सीबीआई जांच का आदेश
जस्टिस गंगोपाध्याय ने पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपए की शिक्षक भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। साथ ही 32 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों की बर्खास्तगी पर रोक लगा दी थी। इस मामले में ममता सरकार के एक मंत्री को गिरफ्तार भी किया गया था। 

टीएमसी, भाजपा और कांग्रेस ने क्या कहा?

  • टीएमसी के राज्य प्रवक्ता देबांगशु भट्टाचार्य ने कहा कि हम तो लंबे समय से कह रहे हैं वे एक राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता हैं। हमें आज उन्होंने सही साबित कर दिया। 
  • भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि जस्टिस गंगोपाध्याय के राजनीति में उतरने के फैसले का स्वागत है। उनके जैसे लोगों का राजनीति में आना देश के लिए अच्छा है। मुझे लगता है कि भाजपा उनकी स्वाभाविक पसंद होगी। 
  • कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी गंगोपाध्याय का स्वागत करेगी। वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले एक योद्धा हैं। अगर कांग्रेस में आते हैं हम उनका स्वागत करेंगे। 
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