Pollution Fine: वायु प्रदूषण (Air Pollution) को लेकर सुप्रीम कोर्ट की आलोचना के बाद केंद्र सरकार ने पर्यावरण नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माने की योजना बनाई है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, नए नियमों के अंतर्गत पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने पर 15 लाख रुपए तक का जुर्माना और पराली जलाने के हर मामले पर 15,000 रुपए तक का स्पॉट फाइन लगाया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिल्ली और आसपास के राज्यों में बढ़ते प्रदूषण संकट के लिए सरकार की कमजोर कार्रवाई पर कड़ी नाराजगी जताई थी।
दिल्ली-एनसीआर में डेंजर लेवल पर पहुंचता है पॉल्यूशन
हर साल सर्दियों में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है, जो कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने और दिवाली पर पटाखों के कारण और गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है। अब सरकार पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 और वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, सामान्य उल्लंघन करने वालों पर 10,000 रुपए से 15 लाख रुपए तक का जुर्माना और पराली जलाने के प्रत्येक मामले पर 2,500 रुपए से 15,000 रुपए तक का फाइन लगाया जाएगा।
पराली जलाने के मामलों में आई गिरावट
हालांकि, इस साल पराली जलाने के मामलों में कमी देखी गई है। 15 सितंबर से 26 अक्टूबर के बीच पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, और मध्य प्रदेश में 4,969 पराली जलाने के मामले दर्ज हुए हैं, जो पिछले साल इसी अवधि में 7,136 थे, यह जानकारी CREAMS-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के सैटेलाइट डेटा में सामने आई है। अब पराली जलाने वाले किसानों पर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन द्वारा स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर ऑन-द-स्पॉट फाइन लगाया जाएगा।
दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 356 पर पहुंचा
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) रविवार को 356 पर पहुंच गया, जो पिछले दिन 255 था। राजधानी की एयर क्वालिटी (Air Quality) इस हफ्ते "बहुत खराब" श्रेणी में रहने की उम्मीद है और पराली जलाने व पटाखों के प्रदूषण में वृद्धि के साथ "गंभीर" श्रेणी में जा सकती है।
दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में पटाखों पर प्रतिबंध
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने 1 जनवरी तक सभी प्रकार के पटाखों पर प्रतिबंध बढ़ा दिया है, जबकि पंजाब में भी पटाखों पर रोक लगाई गई है। हरियाणा के गुड़गांव में केवल ग्रीन पटाखों को ही दिवाली पर चलाने की अनुमति दी गई है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में पारंपरिक पटाखों पर बैन के बाद ग्रीन पटाखों को मंजूरी दी थी, हालांकि इन्हें पारंपरिक पटाखों से अलग पहचानना चुनौती बना हुआ है।