Logo
Pangong Lake Bridge: चीन ने जहां ब्रिज तैयार किया है, वो इलाका 1958 से चीन के कब्जे में है। जो कि लद्दाख में भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास स्थित है।

Pangong Lake Bridge: भारत के साथ सीमा विवाद के बीच चीन ने लद्दाख में एक और पुल का निर्माण पूरा कर लिया है। यह ब्रिज 400 मीटर लंबा है और पूर्वी क्षेत्र में लद्दाख से सटी पेंगोंग लेक पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पास स्थित है। NDTV को मिलीं हालिया सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार, यह पुल अब ब्लैक टॉप से ढका हुआ है और हल्के मोटर वाहनों को निकालने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

1958 से चीन के कब्जे में है यह इलाका
बता दें कि यह इलाका 1958 से चीन के कब्जे में रहा है। नया ब्रिज लद्दाख में एलएसी के पास पेंगोंग लेक के उत्तर और दक्षिण किनारों के बीच चीनी सैनिकों की आवाजाही को आसान बनाएगा। सैटेलाइट इमेजरी एक्सपर्ट और द इंटेल लैब के रिसर्चर डेमियन साइमोन ने बताया कि नया पुल चीनी सैनिकों को पेंगोंग झील के पार तेजी से और सीधा रास्ता प्रदान करता है। पहले पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को लेक के पूर्वी हिस्से को पूरी तरह से पार करना पड़ता था, जिससे उनका संघर्ष क्षेत्रों में रीएक्शन में देरी होती थी।

पेंगोंग लेक पर 50-100 KM सफर कम हुआ
चीन के इस नए पुल के निर्माण से झील के किनारों के बीच सफर की दूरी 50-100 किलोमीटर घट जाएगी, जिससे आवाजाही में समय बचेगा। इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह पुल उन क्षेत्रों में बन रहा है जो करीब 60 साल से चीन के अवैध कब्जे में हैं। भारत ने कभी भी इस अवैध कब्जे को मान्यता नहीं दी है।”

पुल से चीनी सैनिकों की कनेक्टिविटी में सुधार
सैटेलाइट तस्वीरों से साफ है कि नया पुल उत्तरी तट पर मौजूदा रोड नेटवर्क से जुड़ा है, जो खुरनाक किले की ओर जाता है, जिसे चीन ने जुलाई 1958 में कब्जा कर लिया था। दक्षिण तट पर एक नई सड़क पुल को रुतोग (एक चीनी गार्जियन टाउन) और मुनिशन हब से जोड़ती है। साइमोन के मुताबिक, ब्रिज से चीन के फ्रंट और अंदर तैनात सैनिकों के बीच कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जो चीन की क्षेत्रीय दावों को मजबूत करने की स्ट्रैटिजी को दर्शाता है।

भारत-चीन के बीच तनाव और विकास पर जोर

  • मई 2020 में लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हिंसक झड़पों के बाद जिसमें गलवान घाटी की झड़प भी शामिल थी, भारत और चीन ने तनाव कम करने के प्रयास किए हैं। दोनों देशों ने पेंगोंग लेक के चारों ओर एक शांति क्षेत्र बनाने पर सहमति जताई थी और चीन ने "फिंगर 4" और "फिंगर 8" के बीच कई तंबू हटा दिए थे। 
  • तनाव के मद्देनजर भारत ने लद्दाख में बुनियादी ढांचे के विकास को गति दी है, जिसमें सभी मौसमों के लिए सुरंगों का निर्माण शामिल है। 2021 में 87 पुलों का निर्माण हुआ और 2022 में भारत सरकार ने सीमा पर बुनियादी ढांचे के लिए 2,000 करोड़ रुपए से ज्यादा फंड आवंटित किया, जिनमें लद्दाख के लिए 18 प्रमुख प्रोजेक्ट शामिल हैं।
5379487