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Congress Manifesto 2024: कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र न्याय थीम पर बनाया है। पार्टी ने 5 न्याय और 25 गारंटी देने की बात अपने घोषणा पत्र में कही है। इसमें नारी, श्रमिक, किसान, हिस्सेदारी और युवा न्याय थीम है।

Congress Manifesto 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आज, शुक्रवार (5 अप्रैल) को कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी किया। नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, सांसद सोनिया गांधी और सांसद पी चिदंबरम ने 5 न्याय और 25 गारंटी का ऐलान किया। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अगुवाई में 16 सदस्यीय कमेटी ने घोषणा पत्र तैयार किया है। 

पार्टी का घोषणा पत्र न्याय थीम पर है। इसे न्याय पत्र नाम दिया गया है। इसमें 5 न्याय- युवा, नारी, किसान, श्रमिक और हिस्सेदारी न्याय को शामिल किया है। कांग्रेस ने कहा कि पार्टी जातियों और उपजातियों और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की गणना करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना आयोजित करेगी। मजदूरी 400 रुपए करने और गरीब परिवार की महिला को सालाना एक लाख रुपए की मदद देने का वादा किया गया है। 

खड़गे बोले- मोदी ने गाली देने के अलावा कोई काम नहीं किया
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमारा घोषणा पत्र गरीबों को समर्पित है। उन्होंने कहा कि जिस देश में एक सुई नहीं बनती थी, उस देश में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और जवाहर लाल नेहरू ने रॉकेट बनाने का काम किया। लेकिन नरेंद्र मोदी ने इस देश में गाली देने के अलावा कोई काम नहीं किया है। 

घोषणा पत्र की अहम बातें

  • कांग्रेस LGBTQIA+ समुदाय से संबंधित जोड़ों को मान्यता देने के एक कानून लाया जाएगा। 
  • सरकारी परीक्षाओं और सरकारी पदों के लिए आवेदन शुल्क खत्म कर देंगे। एजुकेशन लोन के संबंध में 15 मार्च 2024 तक अवैतनिक ब्याज सहित देय राशि को माफ कर दिया जाएगा और बैंकों को सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाएगा। 
  • गरीब परिवार की महिला को एक लाख रुपए सालाना दिया जाएगा। इसके लिए महालक्ष्मी योजना शुरू होगी। 
  • डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ हिंसा के कृत्य को अपराध बनाने के लिए एक कानून बनाया जाएगा। 
  • स्वास्थ्य देखभाल के लिए 25 लाख रुपये तक कैशलेस बीमा का राजस्थान मॉडल अपनाया जाएगा।
  • वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और विकलांग व्यक्तियों के लिए पेंशन में केंद्र सरकार का योगदान 200 से 500 रुपये प्रति माह है। इस राशि को बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा। 
  • हम 2025 से महिलाओं के लिए केंद्र सरकार की आधी (50 प्रतिशत) नौकरियां आरक्षित करेंगे।
  • खेल महासंघों/निकायों/संघों के पंजीकरण के लिए एक अलग कानून बनेगा। जो ओलंपिक चार्टर का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करेगा। खिलाड़ियों को भेदभाव, पूर्वाग्रह, यौन संबंधों के खिलाफ सहारा दिया जाएगा। 21 वर्ष से कम आयु के प्रतिभाशाली और उभरते खिलाड़ियों को 10,000 रुपये प्रति माह की खेल छात्रवृत्ति मिलेगी। 
  • स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार हर साल सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी मिलेगी। 
  • फर्जी खबरों और पेड न्यूज के खतरे से निपटने के लिए परिषद को सशक्त बनाने के लिए भारतीय प्रेस परिषद अधिनियम, 1978 में संशोधन किया जाएगा।
  • इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की दक्षता और मतपत्र की पारदर्शिता को संयोजित करने के लिए चुनाव कानूनों में संशोधन करेंगे। मतदान ईवीएम के माध्यम से होगा, लेकिन मतदाता मशीन से उत्पन्न मतदान पर्ची को मतदाता-सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) इकाई में रखने और जमा करने में सक्षम होगा। इलेक्ट्रॉनिक वोट टैली का मिलान वीवीपैट स्लिप टैली से किया जाएगा। 
  • हम भोजन और पहनावे, प्यार और शादी, और भारत के किसी भी हिस्से में यात्रा और निवास की व्यक्तिगत पसंद में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। व्यक्तिगत स्वतंत्रता में अनुचित रूप से हस्तक्षेप करने वाले सभी कानूनों और नियमों को निरस्त कर दिया जाएगा
  • किसान न्याय के तहत कर्ज माफी। कर्जमाफी प्लान प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए परमानेंट आयोग बनेगा। मनरेगा मजदूरों को 400 रुपए प्रतिदिन की मजदूरी की मिलेगी।
  • युवाओं को ट्रेनिंग के लिए एक लाख की मदद दी जाएगी। युवाओं के लिए 5 हजार करोड़ रुपए का नया स्टार्टअप फंड बनेगा। 
  • आरक्षण का कोटा 50 फीसदी से बढ़ाया जाएगा। आरक्षित सभी पदों पर एक साल के भीतर भर्ती की जाएगी।

ओपीएस के वादे से किया किनारा
हिमाचल, छत्तीसगढ़, राजथान, कर्नाटक समेत अन्य राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना को एक मजबूत चुनावी मुद्दा बनाया था। इसका उसे फायदा भी हुआ। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में सरकारी कर्मचारियों के लिए ओपीएस के वादे को खारिज कर दिया है। 

मतदान प्रक्रिया में बदलाव का होगा ऐलान
कांग्रेस के घोषणापत्र में स्पष्ट रूप से पेपर बैलेट की वापसी की मांग करने से भी परहेज किया। 2018 में पार्टी ने अपने एआईसीसी सत्र में पेपर बैलेट प्रणाली की वापसी की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था। प्रस्ताव में कहा गया था कि ईवीएम के दुरुपयोग को लेकर राजनीतिक दलों और लोगों के बीच आशंकाएं हैं। चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए, चुनाव आयोग को पेपर बैलेट की पुरानी प्रथा पर वापस लौटना चाहिए। 

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