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Cyclone Asna: चक्रवात असना के कारण कर्नाटक में रेड अलर्ट जारी किया गया है और गुजरात में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। यह चक्रवात ओमान की ओर बढ़ रहा है।

Cyclone Asna: गुजरात के सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में चक्रवात असना (Cyclone Asna) का असर दिखना शुरू हो गया है। इन इलाकों में तेज बारिश हो रही है। इसके साथ ही देश के कई दूसरे राज्यों में भी इसका असर नजर आ रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। शनिवार, 31 अगस्त को गुजरात में भारी बारिश की संभावना जताई है। यह चक्रवात गुजरात के सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र से उभर रहा है और इसके ओमान की ओर बढ़ने की संभावना है।

छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भारी बारिश के आसार
मौसम विभाग ने अपने ऑफिशियल X अकाउंट से भारी बारिश और असना साइक्लोन को लेकर अपडेट जारी किया है। IMD के मुताबिक, शनिवार,31 अगस्त को छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों, तेलंगाना और कर्नाटक के तटीय इलाकों में तेज बारिश होने की संभावना है। डिप्रेशन आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम को क्रॉस करते हुए ओडिशा के गोपालुपरम पहुंचेगा और उसके बाद भारतीय तट पर इसका असर कम होने लगेगा।
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भारतीय तट से दूर हो रहा है चक्रवात
चक्रवात असना का उभरना अपने आप में एक दुर्लभ घटना है। अरब सागर में  (Arabian Sea cyclone) 1891 से 2023 के बीच केवल तीन बार ऐसे चक्रवात अगस्त में महीने में बने हैं। 1976, 1964 और 1944 में इस तरह का चक्रवात आ चुका है। इस बार चक्रवात असना का नाम पाकिस्तान ने दिया है। यह चक्रवात अब पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है और भारतीय तट से दूर हो रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक साइक्लोन लोकेशन बदल रहा है। यह गुजरात के कच्छ जिले स्थित नलिया से 310 किमी. पश्चिम की ओ बढ़ चुका है। 
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चक्रवात की दिशा और इसका असर (Cyclone direction)
 मौसम विभाग के मुताबिक,  पिछले 6 घंटों में, कच्छ तट, पाकिस्तान के कुछ हिस्सों और उत्तर-पूर्वी अरब सागर में डीप डिप्रेशन (deep depression) पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। IMD के अनुसार, चक्रवात असना 11:30 AM के करीब गुजरात में भुज में पश्चिम-उत्तर पश्चिम में लगभग 190 किलोमीटर की दूरी पर था। बता दें कि डिप्रेशन में हवा की स्पीड (Wind speed)  52 से 61 किमी प्रति घंटा होती है, जबकि चक्रवात में यह 63 से 87 किमी प्रति घंटा तक होती है।
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गुजरात में बारिश का कहर
गुजरात में हाल की बारिश ने पिछले चार दिनों में 26 लोगों की जान ले ली है। 18,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है और लगभग 1,200 लोगों को बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों से बचाया गया है। शुक्रवार सुबह तक, गुजरात के अधिकांश हिस्सों में बारिश में कमी आई थी, लेकिन कई कस्बों और गांवों में भारी जलभराव की स्थिति बनी हुई है। गुजरात के कई बड़े शहरों में भारी बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गई है। 
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मौसम वैज्ञानिकों को चौंकाने वाला चक्रवात
अरब सागर में चक्रवात का यह उभरना मौसम वैज्ञानिकों के लिए एक चौंकाने वाली घटना है। इस क्षेत्र में आमतौर पर ठंडे समुद्र तापमान और शुष्क हवा के कारण चक्रवात बनने की संभावना कम होती है। यह पहली बार है जब 1976 के बाद किसी चक्रवात ने भूमि पार करने के बाद अरब सागर में आकार लिया है, जिससे चक्रवात निर्माण की परंपरागत समझ को चुनौती मिली है।
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जलवायु परिवर्तन और संभावित प्रभाव
मौसम विज्ञानियों का मानना है कि यह चक्रवात जलवायु परिवर्तन का नतीजा है। समुद्र की सतह का तापमान 26.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने पर ही चक्रवात पैदा होता है। इस चक्रवात ने समुद्र के गर्म होने और मौसम पैटर्न में हो रहे बदलाव पर ध्यान खींचा है। वैज्ञानिक इस चक्रवात पर करीब से नजर रख रहे हैं। इस चक्रवात की स्टडी से भविष्य में फिर कभी ऐसी प्राकृतिक आपदा आने पर उसका सटीक पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा। 

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