Deepfake video regulation: केंद्र सरकार ने डीपफेक वीडियो के ऑनलाइन सर्कुलेशन लेकर अहम कदम उठाया है। सरकार ने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए नया निर्देश जारी किया। इसमें कहा गया है कि वे यह तय करें कि उनके प्लेटफॉर्म पर देश के IT कानून का उल्लंघन नहीं किया जाए। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से यह निर्देश इंस्टाग्राम, एक्स, फेसबुक समेत दूसरे अहम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को जारी किया गया है। यह निर्देश खास तौर पर डीपफेक वीडियो को लेकर जारी किया गया है।
एडवाइजरी में क्या है?
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी जारी एडवाइजरी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से फोटो और वीडियो के साथ होने वाली छेड़छाड़ को लेकर चिंता जाहिर की गई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से कहा गया है कि वे ऐसे कंटेट को रोकने के लिए कदम उठाए। ऐसा करने वाले यूजर्स को संदेश भेजें कि इस तरह के कंटेट को पोस्ट करने की इजाजत नहीं है। यह संदेश यूजर को उसकी ही भाषा में भेजे जाने चाहिए।
डीपफेक सरकार के लिए चिंता का सबब
हाल के दिनों में डीपफेक वीडियो सरकार के लिए चिंता का नया सबब बन गए हैं। बीते कुछ महीनों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कई ऐसे वीडियो वायरल हुए हैं। कई ऐसी अभिनेत्रियां जिन्हें डीपफेक वीडियो के कारण शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। इसके बाद से ही लगातार सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया जा रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसको लेकर चिंता जता चुके हैं।
भारत में इस तकनीक को लेकर क्या हैं कानून
मौजूदा समय में भारत में डीपफेक को रेगुलेट करने के लिए कोई कानून नहीं है। हालांकि, कई ऐसे कानून हैं जिसमें किसी भी तस्वीर या फोटो से छेड़छाड़ कर उसे ऑनलाइन पोस्ट करने जैसी गतिविधि रोकने का प्रावधान है। इंडियन IT कानून 2000 की धारा 66 ई में ऐसी गतिविधियों के खिलाफ एक्शन लेने का जिक्र है। इसके साथ ही ऐसे मामलों में भारतीय कॉपीराइट अधिनियम 1957 की धारा 51 के तहत ऐसे मामलों में एक्शन लिया जा सकता है।