Sujata Mondal Vs Soumitra Khan: राजनीति क्या न क्या कराए...जो एक दूसरे का मुंह देखना भी पसंद नहीं करते अब उनका नाम लेना पड़ रहा है। हम बात कर रहे हैं पश्चिम बंगाल की है। यहां बांकुरा जिले की विष्णुपुर सीट पर कुछ ऐसी ही स्थिति है। तृणमूल कांग्रेस ने विष्णुपुर सीट पर सुजाता मंडल को टिकट दिया है। सुजाता अपने पूर्व पति और भाजपा उम्मीदवार सौमित्र खान के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी। भाजपा ने 2 मार्च को सौमित्र को बिष्णुपुर से मैदान में उतारा था। रविवार को तृणमूल ने उसी सीट से मंडल के नाम की घोषणा की।
2021 में हुए थे अलग
2021 के विधानसभा चुनाव से पहले सुजाता मंडल और सौमित्र खान अलग हो गए थे। सुजाता ने भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस जॉइन की थी। तब सौमित्र ऑन कैमरा अपने तलाक का ऐलान किया था। सौमित्र खान 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। उस चुनाव में सुजाता ने अपने पति सौमित्र के लिए गांव-गांव घूमकर वोट मांगा था।
2021 में सुजाता को टीएमसी ने आरामबाग से मैदान में उतारा था। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अब सुजाता बांकुरा जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी हैं।
रविवार को टीएमसी ने सभी 42 सीटों पर उतारे उम्मीदवार
तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को बंगाल की 42 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की। INDI गुट से राह अलगकर ममता बनर्जी ने एकला चलो की नीति पर चल पड़ी हैं। ममता का यह कदम कांग्रेस को सबसे ज्यादा बुरा लगा। कांग्रेस ने कहा कि हमने बार-बार बंगाल में टीएमसी के साथ सम्मानजनक सीट शेयरिंग के समझौते की इच्छा जाहिर की थी। लेकिन एकतरफा घोषणा की गई है।
तृणमूल ने आठ मौजूदा सांसदों के टिकट काटे हैं। पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान और कीर्ति आज़ाद जैसे कई नए चेहरों को मौका दिया है। यूसुफ पठान बहरामपुर लोकसभा सीट से तृणमूल के कट्टर प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। पांच बार सीट जीतने वाले चौधरी ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को बनर्जी पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
अधीर रंजन ने कहा कि 'ममता बनर्जी को डर है कि अगर वह INDI गठबंधन में बनी रहीं, तो पीएम मोदी नाराज हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस भाजपा की बी टीम है।
2019 चुनाव में 87 फीसदी हुई वोटिंग
पुरुष मतदाता | 832785 |
महिला मतदाता | 794406 |
कुल मतदाता | 1627199 |
वोट % | 87 |
बीते तीन चुनाव और नतीजे
साल | उम्मीदवार | पार्टी | वोट |
2019 | सौमित्र खान | भाजपा | 6,57,019 |
2014 | सौमित्र खान | तृणमूल कांग्रेस | 5,78,870 |
2009 | सुष्मिता बाउरी | सीपीएम | 5,41,075 |
कैसा है विष्णुपुर सीट का समीकरण?
विष्णुपुर सीट बंगाल के प्रमुख संसदीय क्षेत्रों में से एक है। 1952 से 2014 तक इस सीट पर कांग्रेस व माकपा का ही कब्जा रहा। लेकिन 2014 में सियासत बदली। तृणमूल ने विष्णुपुर पर कब्जा जमाया। सौमित्र खान सांसद चुने गए। लेकिन बाद में उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निष्काषित कर दिया गया था। जिसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था।
विष्णुपुर संसदीय क्षेत्र में बारजोड़ा, ओंदा, विष्णुपुर, कातुलपुर, इंदास, सोनामुखी और खंडघोष विधानसभा क्षेत्र हैं। इस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र को तीसरे संसदीय चुनाव 1962 में गठित किया गया है।