Earthquake in Rajasthan Sikar: राजस्थान के सीकर में शनिवार रात 11:47 बजे 3.9 तीव्रता का भूकंप आया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र 5 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। इस भूकंप के बाद अभी तक किसी के हताहत होने या नुकसान की सूचना नहीं मिली है। यह राहत की बात है कि भूकंप के कारण कोई बड़ी क्षति नहीं हुई है।
हाल के दिनों में कई राज्यों में आया भूकंप
- उत्तर प्रदेश: पिछले हफ्ते, उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में 10 किलोमीटर की गहराई पर 3.9 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं मिली थी।
- मणिपुर: 26 जून को मणिपुर के चंदेल में 3.5 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र 23.9 उत्तरी अक्षांश और 94.10 पूर्वी अक्षांश पर था, और गहराई 77 किलोमीटर थी।
- उत्तराखंड: मई में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में 3.1 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र धरती की सतह से करीब 5 किलोमीटर नीचे था। इससे पहले, 11 मई को उसी जिले में 2.8 तीव्रता का भूकंप आया था।
- बंगाल की खाड़ी: अप्रैल में, रिक्टर पैमाने पर 4.2 तीव्रता का भूकंप बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में आया था। एनसीएस ने बताया कि भूकंप का केंद्र 8.96 उत्तरी अक्षांश और 91.91 पूर्वी अक्षांश पर, धरती की सतह से 10 किलोमीटर नीचे स्थित था।
EQ of M: 3.9, On: 08/06/2024 23:47:16 IST, Lat: 27.41 N, Long: 75.06 E, Depth: 5 Km, Location: Sikar, Rajasthan.
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) June 8, 2024
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क्या है भूकंप आने की वजह?
हिमालय दुनिया की सबसे युवा पर्वत श्रृंखला है, जो तिब्बती प्लेट के नीचे भारतीय टेक्टोनिक प्लेट के मुड़ने के कारण बढ़ती है। इसकी वजह से, उत्तराखंड और अन्य हिमालयी क्षेत्रों में उच्च भूकंपीय गतिविधि की रिपोर्ट होती है। इन क्षेत्रों में अधिकांश स्थान भूकंपीय क्षेत्र IV और V के अंतर्गत आते हैं।
भारत में कब आया था सबसे विनाशकारी भूकंप
भारत में सबसे बड़ा और विनाशकारी भूकंप 26 जनवरी 2001 को गुजरात राज्य के कच्छ क्षेत्र में आया था, जिसे भुज भूकंप के नाम से जाना जाता है। इस भूकंप की तीव्रता 7.7 मैग्नीट्यूड थी। इस भूकंप ने व्यापक तबाही मचाई थी और इसका असर गुजरात के विभिन्न हिस्सों में महसूस किया गया था।
- भुज भूकंप (26 जनवरी 2001)
- तारीख: 26 जनवरी 2001
- स्थान: गुजरात, भारत (मुख्य रूप से कच्छ क्षेत्र)
- तीव्रता: 7.7 मैग्नीट्यूड
- गहराई: 16 किलोमीटर
- जानमाल का नुकसान
- मृत्यु: लगभग 20,000 लोग
- घायल: 167,000 से अधिक लोग
- बेघर: लगभग 400,000 लोग
क्षति: भूकंप ने लाखों घरों, स्कूलों, अस्पतालों और अन्य इमारतों को नष्ट कर दिया। आर्थिक दृष्टि से भी भारी नुकसान हुआ, जिसकी लागत अरबों डॉलर में आंकी गई।भूकंप ने सड़कों, पुलों, और रेलवे लाइनों को भी व्यापक रूप से क्षतिग्रस्त किया। इस भूकंप ने गुजरात की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया, जिससे राज्य को पुनर्निर्माण और राहत कार्यों में कई वर्षों तक जुटना पड़ा।
देश मे आए दूसरे बड़े भूकंप
कांगड़ा भूकंप (1905):
- स्थान: कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश
- तीव्रता: 7.8 मैग्नीट्यूड
- मृत्यु: 20,000 से अधिक लोग
बिहार-नेपाल भूकंप (1934):
- स्थान: बिहार, भारत और नेपाल
- तीव्रता: 8.0 मैग्नीट्यूड
- मृत्यु: 10,700 से अधिक लोग
असम भूकंप (1950):
- स्थान: असम, भारत
- तीव्रता: 8.6 मैग्नीट्यूड (भारत में दर्ज सबसे ज्यादा मैगनीट्यूड का भूकंप)
- मृत्यु: 1,500 से अधिक लोग
इन भूकंपों ने भारत के विभिन्न हिस्सों में व्यापक तबाही मचाई थी और इनकी यादें आज भी लोगों के मन में ताजा हैं। भुज भूकंप के बाद भारत ने क्वैक प्रूफ बिल्डिंग्स और इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना शुरू किया। इसके साथ भुज भूकंप के बाद देश में भूकंप आने की स्थिति में इस्तेमाल में लाई जाने वाले इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम को डेवलप करने पर भी ज्यादा देना शुरू किया गया , ताकि भविष्य में ऐसे आपदाओं के प्रभाव को कम किया जा सके।