EC on One Nation One Election: चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के संबंध में एक नोट सौंपा है। इस नोट में कहा गया है कि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को लागू करने के लिए संविधान में 5 संशोधन करने पड़ेंगे। साथ ही आयोग को नई ईलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) खरीदने के लिए हर साल करीब दस हजार करोड़ रुपए खर्च करने की जरूरत होगी।
ज्यादा सेल्फ लाइफ वाली EVM खरीदनी होंगी
मौजूदा समय में जितनी ईवीएम मशीनें हैं, वह एक साथ पूरे देश में चुनाव कराने के लिए पर्याप्त नहीं होंगी। इसके लिए ज्यादा सेल्फ लाइफ वाली ईवीएम मशीनें खरीदनी होंगी। इन मशीनों की सेल्फ लाइफ 15 साल तक की होगी। इन मशीनों की एक सेट से करीब तीन साल तक चुनाव कराया जा सकेगा। साथ ही पूरे देश में करीब 11.80 लाख पोलिंग बूथ बनाने होंगे। हर एक पोलिंग बूथ पर दो सेट ईवीएम मशीनों की जरूरत होगी।
EVM कंपोनेंट का स्टाक रहना भी जरूरी
चुनाव आयोग ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर चुनाव कराने के EVM के साथ ही उसके कुछ अहम कंपोनेंट का स्टॉक रहना भी जरूरी है। कंट्रोल यूनिट, बैलट यूनिट और वोटर वेरिफाइएबल (VVPAT), पेपर ऑडिट ट्रेल मशीनों का रिजर्व होना चाहिए। ऐसा होने पर ही अगर इन कंपोनेंट में से कोई भी खराब हुआ तो उसे तुरंत रिप्लेस किया जा सकेगा।
46,75,100 बैलट यूनिट की जरूरत होगी
चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार से कहा कि एक ईवीएम के लिए करीब एक बैलट यूनिट, एक कंट्रोल यूनिट और एक VVPAT मशीन की जरूरत होती है। इसके हिसाब से देखें तो पूरे देश में एक साथ चुनाव आयोग को 46,75,100 बैलट यूनिट, 33,63,300 कंट्रोल यूनिट और 36,62,600 VVPAT मशीनों की जरूरत होगी।