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Bangladesh Crisis Impact on India: बांग्लादेश में तख्तापलट से भारत के व्यापार और निवेश को बड़े नुकसान हो सकते हैं। जानें कौन से 5 बडे़ नुकसान होंगे। किन सेक्टर्स पर होगा असर

Bangladesh Crisis Impact on India: बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद नई सरकार गठन की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। हालांकि, तख्तापलट के बाद हालात बेहद बदल गए हैं।इससे भारत को आर्थिक मोर्चे पर नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। भारत के कपास, ईंधन, और गारमेंट इंडस्ट्री को भारी झटका लगेगा। इसके अलावा, भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाला मुक्त व्यापार समझौता (FTA) भी अटक सकता है। आइए जानते हैं, इस संकट से भारत को कौन-कौन से 5 बड़े नुकसान हो सकते हैं।

पहला नुकसान: कॉटन एक्सपोर्ट पर भारी संकट
बांग्लादेश में चल रहे संकट का सबसे बड़ा असर भारत के कॉटन एक्सपोर्ट पर पड़ने की संभावना है। भारत हर साल बांग्लादेश को लगभग 2.4 अरब डॉलर मूल्य का कॉटन एक्सपोर्ट करता है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 में भारत के कॉटन एक्सपोर्ट में बांग्लादेश की हिस्सेदारी 34.9 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। बांग्लादेश की मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता से कॉटन एक्सपोर्ट पर गहरा असर पड़ेगा। भारत के कपास किसानों और व्यापारियों को भारी नुकसान होगा। 

दूसरा नुकसान: गारमेंट इंडस्ट्री होगा प्रभावित
बांग्लादेश की गारमेंट इंडस्ट्री दुनिया के बड़े गारमेंट एक्सपोर्टर्स में से एक है। ग्लोबल एक्सपोर्ट में  बांग्लादेश की 83 प्रतिशत हिस्सेदारी है। मौजूदा समय में जारी राजनीतिक अशांति से बांग्लादेश की कपड़ा फैक्ट्रियों और एक्सपोर्ट पर गहरा असर पड़ेगा। इस स्थिति का फायदा चीन जैसे देशों को मिल सकता है। गारमेंट सेक्टर में बांग्लादेश कॉम्पटीशन कर रहे देश अब इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश करेंगे। हालांकि, भारत भी गारमेंट एक्सपोर्ट में एक बड़ा खिलाड़ी है, लेकिन बांग्लादेश की इस समस्या से भारतीय गारमेंट इंडस्ट्री को भी नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

तीसरा नुकसान: बांग्लादेश में भारतीय कंपनियों को घाटा
बांग्लादेश में कई भारतीय कंपनियों ने भारी-भरकम इनवेस्टमेंट कर रखा है। बांग्लादेश में अडानी और विल्मर जैसी बड़ी इंडियन कंपनियां भी काम करती हैं। अडानी विल्मर तो बांग्लादेश की सबसे बड़ी कुकिंग ऑयल ब्रांड की मालिक है। फिलहाल देश के जो हालात हैं, उसकी वजह से इन कंपनियों की सिक्योरिटी और ऑपरेशनल गतिविधियों पर असर होगा। इन कंपनियों की सेल्स में गिरावट आएगी। ऐसे में इन कंपनियों को घाटा उठाना पड़ेगा।

चौथा नुकसान: मुक्त व्यापार समझौता (FTA) पर संकट
भारत और बांग्लादेश के बीच फ्री ट्रेड एग्रिमेंट (FTA) को लेकर बातचीत चल रही थी। मौजूदा हालातों के मद्देनजर यह एग्रिमेंट अधर में लटक सकता है। इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में बढ़ोतरी की उम्मीद थी। अगर भारत और बांग्लादेश के बीच यह ट्रेड हो जाता तो बांग्लादेश के एक्सपोर्ट में  297 प्रतिशत और भारत के एक्सपोर्ट में 172 प्रतिशत तक उछाल आने की संभावना थी यह समझौता अब खटाई में पड़ गया है। अगर यह समझौता रद्द होता है, तो दोनों देशों के बीच व्यापारिक सहयोग बढ़ने की संभावना पूरी तरह से रुक जाएगी। 

पांचवा नुकसान: बांग्लादेश में भारतीय निवेश पर असर
बांग्लादेश में जारी राजनीतिक संकट भारतीय निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन गया है। बांग्लादेश में भारतीय निवेश का बड़ा हिस्सा टेक्सटाइल और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में है। अगर स्थिति जल्द नहीं सुधरती है, तो भारतीय निवेशकों को अपने निवेश की सुरक्षा और भविष्य के अवसरों पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है। इससे बांग्लादेश में भारतीय निवेश की गति धीमी हो सकती है, जिससे भारतीय कंपनियों को नुकसान होगा। इसके अलावा, अगर बांग्लादेश में स्थिति और बिगड़ती है, तो वहां के व्यापारिक माहौल में सुधार की संभावना कम हो सकती है।अगर ऐसा हुआ तो इंडियन इनवेस्टर्स को बांग्लादेश से अपना हाथ पीछे खींचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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