Farmers Protest Updates: हरियाणा और पंजाब के किसान अपनी मांगों को लेकर गुरुवार को तीसरे दिन भी शंभू बॉर्डर पर डटे हैं। करीब 10 हजार आंदोलनकारी किसान ट्रैक्टर-ट्राली लेकर दिल्ली कूच के लिए निकले हैं। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने किसान आंदोलन के समर्थन और उन पर आंसू गैस के गोले दागने के विरोध में पंजाब के 6 जिलों में रेलवे ट्रैक पर धरना दिया और टोल फ्री कराए। किसान संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने समेत अन्य मांगों को लेकर दिल्ली जाने पर अड़े हैं। पिछले दो दिनों में हरियाणा के शंभू, खनौरी, जींद और डबवाली बॉर्डर पर किसानों और सुरक्षाबलों में संघर्ष देखने को मिला। उन पर आंसू गैस के गोले दागे गए, लेकिन आज प्रदर्शन में शांति रही।
केंद्रीय मंत्रियों के साथ चंडीगढ़ में बैठक
किसानों और केंद्र सरकार के बीच तीसरे दौर की बैठक चंडीगढ़ के एक होटल बैठक हुई। इसके लिए गुरुवार रात करीब 8 बजे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, नित्यानंद राय और कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा चंडीगढ़ पहुंचे। पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि सरकार के साथ मीटिंग में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत अन्य मांगों पर चर्चा हुई।
#WATCH | Union Ministers Piyush Goyal, Arjun Munda and Nityanand Rai arrive at the hotel in Chandigarh for the meeting with farmer leaders. pic.twitter.com/Nfm1WR1nSm
— ANI (@ANI) February 15, 2024
Live Updates:
- किसानों के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए पंजाब-हरियाण बॉर्डर से सटे कई इलाकों में गुरुवार को इंटरनेट सर्विस रोक दी गई। हरियाणा में मोबाइल और इंटरनेट पर प्रतिबंध 17 फरवरी तक के लिए
बढ़ाया गया। इस दौरान राज्य के अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में इंटरनेट, डोंगल सर्विस और बल्क एसएमएस सर्विस बंद रहेगी। - किसानों के आंदोलन पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि किसानों हरियाणा सरकार से नहीं केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं। दिल्ली जान हर किसी का लोकतांत्रिक अधिकारी है, लेकिन किसानों का मोटिव क्या है इसका ध्यान रखना होता है। पिछली बार हम इसका अनुभव कर चुके हैं। लोगों को किसान आंदोलन की वजह से काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। अगर किसानों को दिल्ली जाना ही है तो ट्रेन, बस या अपने निजी गाड़ियों में जाएं। ट्रैक्टर कोई परिवहन का साधन नहीं है। हर उन्हें चर्चा करना ही है तो लोकतांत्रिक ढंग से करें, जिससे समाधान ढूंढ़ा जा सके।
- पंजाब किसान मजूद संघर्ष समिति के महासचिव श्रवण सिंह पंढेर ने कहा कि आज दिल्ली में हमारे मंत्रियों के साथ बैठक होगी। हम चाहेंगे कि प्रधानमंत्री खुद उनसे बात करें और हमारी मांगों का हल हो जाए, यह सभी के लिए सुखद है। अन्यथा, यह लोकतांत्रिक देश है, दिल्ली जाने के रास्ते सरकार खोल दे। हमें शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने दीजिए। हमने 10 मांगों का एजेंडा सौंपा है। इनमें एमएसपी गारंटी कानून, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सभी फसलों का रेट दीजिए, सी टू प्लस 50 पर्सेंट और गन्ने का रेट सी टू प्स 100 पर्सेंट दीजिए। किसान और खेत मजदूरों का कर्ज माफी कीजिए। सरकार ने बिजली एक्ट 2023 बना लिया है। सरकार पहले कहती थी कि हम स्टेक होल्डर से बात करने के बाद लाया जाएगा। इसके प्रावधान में कहा कि जो भी सरकार किसानों को सब्सिडी देना चाहती है, दे सकती है। 1948 के बिजली एक्ट में संसोधन 2003 में दिया गया तो निजी कंपनियों को बिजली उत्पादन कर अधिकार मिल गया। अब नए कानून में निजी कंपनियों को बिजली का रेट तय करने का भी अधिकार मिल गया है। इससे आम लोगों को काफी कठिनाई होगी।
#WATCH | General Secretary of Punjab Kisan Mazdoor Sangharsh Committee, Sarvan Singh Pandher says, "We have a meeting with the ministers today, and we want PM Modi to have a conversation with them so that we can reach a solution for our demands. Or else, we should be allowed to… pic.twitter.com/j7Z3TlflMI
— ANI (@ANI) February 15, 2024
- किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने गुरवार को कहा कि पंजाब के आंदोलन कर रहे किसानों पर पुलिस आंसू गैस के गोले दाग रही है, प्लास्टिक की गोलियां चला रही है। सरकार को संयम से काम लेना चाहिए। सरकार किसानों को ना उकसाए। कहीं ऐसा नहीं हो कि सरकार के लिए किसानों का संभालना मुश्किल हो जाए। किसानों की कोई भी मांग गलत नहीं है। किसानों के साथ ऐसा बर्ताव किया जा रहा है मानो वह दूसरे देश से आए हों और सीमा पर खड़े हों। उनपर गोले पर गोले दागे जा रहे हैं।
-
तमिलनाडु के सीएम ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। स्टालिन ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली और हरियाणा और अन्य दूसरे राज्यों में युद्ध जैसी स्थिति पैदा कर दी है। हर तरफ बैरिकेडिंग है, रास्ते रोके गए हैं, कीलें बिछाई गई हैं और फोर्स तैनात है। बीजेपी सरकार किसानों के आंदोलन को कुचलने के लिए जंग जैसी खतरनाक स्थिति पैदा कर दी है। पिछली बार भी सरकार किसानों का आंदोलन रुकवाने में सफल नहीं रही थी। इसे तीन कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था।
पंजाब में रेल रोको, 16 को भारत बंद का आह्वान
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जाने पर नाराजगी जताई। बीकेयू (उगराहां) ने स्टेट लेवल बॉडी की मीटिंग बुलाई। इसके बाद बीकेयू के प्रमुख जोगिंदर सिंह उगराहां ने गुरुवार को दोपहर 12 से 4 बजे तक पंजाब में रेलवे ट्रैक जामकर करने और टोल फ्री कर विरोध-प्रदर्शन का ऐलान कर दिया। इससे 6 जिलों में रेल संचालन पर असर पड़ा। किसान लुधियाना, अमृतसर, बठिंडा, बरनाला, फतेहगढ़ साहिब और मोगा में रेल ट्रैक जाम किया।