Logo
Farmers Protest Updates:अपनी मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों से केंद्र सरकार चौथे चरण की बातचीत करेगी। इस बीच बीकेयू -चढूनी के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अगर बातचीत विफल रहती है तो सोमवार से फिर आंदोलन शुरू किया जाएगा।

Farmers Protest Updates: रविवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय दिल्ली चंडीगढ़ पहुंचे। तीनों केंद्रीय मंत्री आंदोलन कर रहे किसानों से चौथे चरण की बातचीत करेंगे। इससे पहले  रविवार को कुरुक्षेत्र में किसान संघों और खापों की बैठक के बाद, हरियाणा भारतीय किसान यूनियन-चढूनी (BKU (Charuni)) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि राज्य के सभी किसान संगठन एक बड़ी लड़ाई के लिए एकजुट हैं। किसान नेता ने कहा कि अगर  किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत विफल रही तो सोमवार को फिर से आंदोलन शुरू किया जाएगा। चढूनी ने कहा कि किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण होगा।

किसानों ने चार सदस्यों की कमेटी गठित की
चढूनी ने कहा कि अगर किसानों को दिल्ली में संघर्ष करना है तो उन्हें दिल्ली में ही संगठित होना होगा। हमने चार सदस्यों की एक कमेटी गठित की है। यह कमेटी दिल्ली के किसानों को एकजुट करेगी। उनके साथ बैठक करेगी। इस बैठक में किसानों को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के लिए एकजुट किया जाएगा। दिल्ली के किसानों को भी कहा जाएगा कि वह आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन करें। चढूनी ने कहा कि दिल्ली के कई गांव में अभी भी खेती की जा रही है। 

हम ट्रैक्टर से ही दिल्ली जाना चाहते हैं
चढूनी से पूछा गया कि वह किसानों को ट्रैक्टर से दिल्ली ले जाने पर क्यों अड़े हैं। इसके जवाब में चढूनी ने कहा कि जिस श्ख्स के पास जो गाड़ी होती है, वह उसी से सफर करता है। अगर किसी के पास कार या मोटरसाइकिल है तो वह इन्हीं गाड़ियों को ले जाएगा। हम लोग किसान हैं। हमारे पास हवाई जहाज नहीं है। हम लोगों के पास ट्रैक्टर है। यही वजह है कि हम ट्रैक्टर से चलते हैं और ट्रैक्टर से ही दिल्ली जाना चाहते हैं। 

सरकार किसानों को ट्रैक्टर ले जाने से क्यों रोक रही?
चढूनी ने कहा कि हमें दिल्ली में अपने आंदोलन के दौरान भोजन और कपड़े जैसी कई चीजों की जरूरत होगी। हम यह नहीं समझ पा रहे हैं  कि क्या दिल्ली दूसरे देश में है, जहां हम अपने ट्रैक्टर नहीं ले जा सकते। हमें यह समझ में नहीं आ रहा है कि सरकार किसानों को ट्रैक्टर से जाने से क्यों रोकना चाहती है। दिल्ली में कई ऐसे बड़े मैदान हैं जहां पर किसानों को आंदोलन की इजाजत दी जा सकती है।

प्रदर्शन करना हमारा मूलभूत अधिकार
चढूनी ने कहा कि किसी भी मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करना हमारा मूलभूत अधिकार है। यह हक हमसे अंग्रेजों ने भी नहीं छीना था। अंग्रेजों के शासन काल में भी देश में विरोध प्रदर्शन हुआ करते थे। चढूनी ने कहा कि पंजाब में किसान संगठनों ने आंदोलन शुरू करने से पहले बीकेयू चढूनी संगठन से सलाह मशविरा नहीं किया। लेकिन, अगर किसान बंटे हुए रहेंगे तो इसका अच्छा प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसलिए, हमारे संगठन ने भी इस आंदोलन को अपना समर्थन देने का फैसला किया है।

किसानों के लिए ट्रैक्टर जुटाने की कवायद जारी
बैठक के बाद हरियाणा के खाप नेता ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि पंजाब के किसानों को हरियाणा और दिल्ली में चल रहे आंदोलन के लिए ट्रैक्टर उपलब्ध करवाए जाएंगे। धनखड़ ने कहा कि हम पंजाब के किसानों से कह रहे हैं कि उन्हें सरकार से टकराव करने की जरूरत नहीं है। हम पंजाब के किसानों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। हरियाण में भी हम उन्हें ट्रैक्टर उपलब्ध करवाने के लिए राजी हैं। दिल्ली में ही किसानों के पास 10 हजार से 12 हजार ट्रैक्टर हैं। वे भी किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए तैयार हैं।

5379487