Natwar Singh Death: पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का शनिवार रात को गुड़गांव के मेदांता हॉस्पिटल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 95 साल के थे और लंबे समय से बीमार थे। कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए कहा, "पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह जी के निधन की खबर दुखद है।"
नटवर सिंह के निधन पर पीएम मोदी का X पोस्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया और कहा, "श्री नटवर सिंह जी के निधन से दुखी हूं। उन्होंने कूटनीति और विदेश नीति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे अपनी बुद्धिमत्ता और लेखन के लिए भी प्रसिद्ध थे। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।"
Pained by the passing away of Shri Natwar Singh Ji. He made rich contributions to the world of diplomacy and foreign policy. He was also known for his intellect as well as prolific writing. My thoughts are with his family and admirers in this hour of grief. Om Shanti. pic.twitter.com/7eIR1NHXgJ
— Narendra Modi (@narendramodi) August 11, 2024
95 साल के थे नटवर सिंह, भरतपुर में जन्मे
बता दें कि नटवर सिंह का जन्म 1931 में राजस्थान के भरतपुर जिले में हुआ था। वे एक अनुभवी राजनयिक थे जिन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में विदेश मामलों में अनुभव का फायदा उठाया। उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और 1984 में राष्ट्र सेवा के लिए उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
नटवर सिंह ने इंदिरा गांधी के साथ भी किया काम
कांग्रेस के पूर्व सांसद नटवर सिंह ने 2004 से 2005 तक यूपीए-1 सरकार के दौरान भारत के विदेश मंत्री के रूप में सेवा दी। वे पाकिस्तान में भारत के राजदूत भी रहे और 1966 से 1971 तक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यालय में कार्यरत रहे।
राजनेता के साथ अच्छे राइटर भी थे नटवर सिंह
नटवर सिंह एक मशहूर लेखक भी थे, जिन्होंने कई महत्वपूर्ण किताबों की रचना की, जिनमें द लेगेसी ऑफ नेहरू: ए मेमोरियल ट्रिब्यूट और माई चाइना डायरी 1956-88 शामिल हैं। उनकी आत्मकथा का शीर्षक वन लाइफ इज़ नॉट इनफ है।