Ghulam Nabi Azad Accuses Abdullah Family: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार, 20 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को दावा किया कि अब्दुल्ला परिवार (फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला) लोगों की नजरों से बचने के लिए रात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ सीक्रेट मीटिंग की कोशिश कर रहे थे। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी प्रमुख ने आरोप लगाया कि यह अब्दुल्ला परिवार श्रीनगर में कुछ, जम्मू में कुछ और और दिल्ली में कुछ और कहते हैं।
फारूक अब्दुल्ला ने भी गुलाम नबी आजाद पर पलटवार किया है। इसके बाद आजाद ने अपने पुराने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा, मैंने कभी यह दावा नहीं किया कि मैंने कभी यह दावा नहीं किया कि फारूक अब्दुल्ला पीएम मोदी से मिले थे। मैंने कहा था कि दिल्ली में सूत्रों के जरिए पता चला है कि वह केंद्रीय नेतृत्व से मिलने की कोशिश करते हैं, वह भी सिर्फ रात में। मैंने कभी नहीं कहा कि वह मिले या उसे अपॉइंटमेंट मिला।
#WATCH | Democratic Progressive Azad Party (DPAP) President Ghulam Nabi Azad clarifies on the reports in the media.
— ANI (@ANI) February 19, 2024
He says, "I never claimed that he (Farooq Abdullah) met him (PM Modi). I said that through sources in Delhi, it has come to be known that he tries to meet central… pic.twitter.com/jFx8f4c5EF
भाजपा के साथ गठबंधन करने का किया था प्रयास
पिता-पुत्र की जोड़ी पर दोहरा खेल खेलने का आरोप लगाते हुए आजाद ने यह भी दावा किया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी का नेतृत्व करने वाले फारूक अब्दुल्ला ने 2014 में भाजपा के साथ गठबंधन बनाने के लिए प्रयास किए थे। मैंने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा था कि वे जम्मू-कश्मीर में किसी भी राजनीतिक साहसिक कार्य में शामिल न हों। नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी दोनों भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए बेताब थे।
अब्दुल्ला को पता थी अनुच्छेद 370 को खत्म करने की बात
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म होने की बात पहले से पता थी। 3 अगस्त, 2019 को अब्दुल्ला और पीएम मोदी के बीच एक बैठक हुई थी। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में अफवाहें फैलीं थी कि अब्दुल्ला को विश्वास में लिया गया था। यहां तक कि घाटी के नेताओं को नजरबंद करने का भी सुझाव भी अब्दुल्ला ने दिया था।
मैं हिंदुओं को धोखा नहीं देता
खुद को धर्मनिरपेक्ष नेता के रूप में पेश करते हुए आजाद ने कहा कि मैं अब्दुल्लाओं की तरह धोखाधड़ी नहीं करता। मैं अपने हिंदू भाइयों को बेवकूफ बनाने के लिए मंदिरों में नहीं जाता, और मैं कट्टरपंथी इस्लामवादियों को खुश करने के लिए अपने देश का दुरुपयोग नहीं करता।
मुफ्ती सईद ने ली 18 बार सलाह, फिर पछताए
आजाद ने 2014 में भाजपा के साथ गठबंधन वार्ता के दौरान पूर्व पीडीपी प्रमुख मुफ्ती मोहम्मद सईद के साथ अपनी बातचीत को याद किया। आजाद ने खुलासा किया कि मुफ्ती ने भाजपा के साथ गठबंधन करने के अपने फैसले पर पछतावा जताया था। उन्होंने मुझसे 18 बार सलाह ली, जब उनकी भाजपा से बातचीत चल रही थी। मैंने मुफ्ती से कहा कि अगर वह भाजपा के साथ गठबंधन करेंगे तो वह राजनीतिक रूप से खत्म हो जाएंगे। मुख्यमंत्री बनने के छह महीने बाद मुफ्ती मुझसे मिले और कहा कि उन्होंने स्वीकार कर लिया है कि मैं सही था। उन्हें खेद था कि उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन किया।
आजाद को पीएम मोदी से ये उम्मीदें
आजाद ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर जनता को धोखा देने का आरोप लगाया। क्योंकि उन्होंने भाजपा विरोधी चुनावी मुद्दे पर चुनाव लड़ा था, लेकिन बाद में भगवा पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया। गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री की जम्मू यात्रा को लेकर कहा कि मुझे उम्मीद है कि जल्द जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा फिर से मिलेगा। उम्मीद है कि वे विधानसभा चुनाव कराने का भी आश्वासन देंगे। आजाद ने यह सभी बातें इंडिया टुडे से बातचीत में कहीं।
#WATCH | On Ghulam Nabi Azad's statement, National Conference Chief Farooq Abdullah says, "...If I have to meet PM Modi or Union Home Minister Amit Shah, I will meet them during the day, why should I meet them at night?...what is the reason that he has thought of defaming Farooq… https://t.co/dl2Ad78HFU pic.twitter.com/wFxBqJPrpW
— ANI (@ANI) February 19, 2024
आजाद के बयान पर फारूक अब्दुल्ला ने किया कटाक्ष
गुलाम नबी आजाद के बयान पर फारूक अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अगर मुझे पीएम मोदी या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलना होगा तो मैं उनसे दिन में मिलूंगा, रात में क्यों मिलूंगा? क्या कारण है कि उन्होंने फारूक अब्दुल्ला को बदनाम करने की सोची है? जब कोई उन्हें राज्यसभा की सीट नहीं देना चाहता था, तब मैंने ही उन्हें राज्यसभा की सीट दी थी। लेकिन आज वह यह सब कह रहे हैं। उन्हें नाम बताना चाहिए उनके एजेंट जो पीएम और केंद्रीय गृह मंत्री के आवास पर बैठे हैं। उन्हें लोगों को बताना चाहिए ताकि वे सच्चाई समझ सकें।