Haldwani Violence: उत्तराखंड के हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में एक अवैध मदरसे को ढहाए जाने को लेकर हुई हिंसा के बाद पुलिस-प्रशासन अलर्ट है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हल्द्वानी पहुंचे और अस्पताल में पीड़ितों से मिले। उन्होंने कहा कि हमारे अधिकारी कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने गए थे, लेकिन उन पर हमला हुआ। यह उत्तराखंड का माहौल बिगाड़ने की साजिश है। कानून अपना काम करेगा। इससे पहले उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें स्थिति से अवगत कराया। इससे पहले हल्द्वानी की डीएम वंदना सिंह ने घटना को लेकर कई अहम जानकारियां सामने रखीं। उन्होंने बताया कि हमलावरों ने घर की छतों पर पेट्रोल बम और पत्थर जमा करके रखे थे।
सीएम धामी बोले- अब कानून के एक्शन की बारी
मुख्यमंत्री धामी ने न्यूज एजेंसी से कहा- ''गुरुवार को जब अधिकारियों की टीम अवैध कब्जे हटा रही थी, तो हिंसा भड़क उठी और महिलाकर्मियों समेत पुलिसबलों पर हमले शुरू हो गए। यह बेहद निंदनीय है। उत्तराखंड 'देवभूमि' है, यहां ऐसा कभी नहीं हुआ। कुछ लोगों ने कानून हाथों में लेकर देवभूमि का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की है। पत्रकारों पर भी पथराव हुआ और उनके कैमरे तोड़े गए। पब्लिक प्रॉपर्टी को जलाया गया। वीडियो फुटेज की जांच जारी है, सौहार्द बिगाड़ने वाले किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा। जनता से अनुरोध है कि वह शांति व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस-प्रशासन का सहयोग करें।''
#WATCH | Haldwani violence | Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami meets an injured person at a hospital. pic.twitter.com/1XxEvATUMf
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 9, 2024
गुरुवार को हिंसा में दो लोगाें की जान गई
डीएम ने बताया कि प्रारंभिक सूचना हिंसा में चार लोगों की मौत की सूचना दी गई थी। साथ ही इसे वेरिफाई कराने की बात कही गई। शहर के दो अस्पतालों में घायलों के भर्ती होने की बात सामने आई थी। हालांकि, बाद में पता चला कि एक अस्पताल ने घायलों को भर्ती नहीं किया। अभी तक कि आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, हिंसा में दो लोगों की मौत हुई है। बता दें कि मीडिया में हलद्वानी हिंसा में पहले चार और उसके बाद छह लोगों की मौत होने की जानकारी सामने आई थी। डीएम ने इसपर स्पष्टीकरण दिया और मौतों का सही आंकड़ा पेश किया। यह भी बताया कि मौतों के आंकड़ा को लेकर कंफ्यूजन क्यों हुआ।
#WATCH | Haldwani violence | DM Nainital, Vandana Singh says, "...According to official information till now, two people have died." pic.twitter.com/1VWlOGwKZQ
— ANI (@ANI) February 9, 2024
डीएम ने घटना से पहले और उसके बाद का वीडियो दिखाया
वंदना सिंह ने बताया कि जिस इलाके में हिंसा हुई उसे कथित तौर पर मलिक का बगीचा कहा जाता है। डीएम ने हिंसा प्रभावित इलाके में हिंसा से पहले और उसके बाद का फुटेज दिखाया। डीएम ने बताया कि फुटेज में दिख रहा है कि हिंसा से पहले इलाके की छतों पर पत्थर नहीं थे। यह फुटेज 30 जनवरी को अवैध अतिक्रमण के लिए नोटिस देते वक्त लिया गया था। हालांकि, जब 8 फरवरी को कब्जा मुक्त कराने के लिए अफसरों की टीम पर इन्हीं छतों पर खड़े होकर पत्थरों से हमला किया गया था। इससे पता चलता है कि हमले की तैयारी पहले से की गई थी।
#WATCH | Haldwani violence | DM Nainital, Vandana Singh says, "The demolition drive started peacefully, the force was deployed for prevention...Stones were pelted on our Municipal Corporation's team...It was planned that the day the demolition drive will be conducted the forces… pic.twitter.com/JL098EatbW
— ANI (@ANI) February 9, 2024
पुलिस ने किसी से तरह से नहीं उकसाया
डीएम वंदना सिंह ने डिमोलिशन ड्राइव शुरू होने के बाद 25 मिनट बाद का फुटेज भी दिखाया। जिसमें भीड़ एक गली में जुटती हुई नजर आ रही थी। डीएम ने कहा कि इन फुटेज में साफ तौर पर नजर आ रहा है कि पुलिस ने किसी तरह से लोगों को नहीं उकसाया। अफसर शांतिपूर्ण ढंग से अपना काम कर रहे थे। डीएम वंदना सिंह ने बताया कि जिस समय अतिक्रमण हटाने का काम शुरू हुआ तो फोर्स लगाई थी। इतनी ही फोर्स लगाई गई थी जितनी इस तरह के डिमोलिशन ड्राइव के दौरान लगाई जाती है।
#WATCH | Haldwani violence | DM Nainital, Vandana Singh says, "Maximum force was used for the protest of the police station...As soon as they (the mob) were dispersed from the police station, they headed to the Gandhi Nagar area...People from all communities and religions stay… pic.twitter.com/fzHM2vwyMn
— ANI (@ANI) February 9, 2024
बिना किसी उकसावे के अफसरों की टीम पर हुआ हमला
जब अफसरों ने डिमोलिशन ड्राइव जारी रखा तो करीब आधे घंटे बाद निगम की टीम पर अचानक बिना किसी उकसावे के पत्थरबाजी शुरू कर दिया। तब तक हमारे अधिकारी अवैध ढांचे को गिराने में व्यस्त थे। एक बार पुलिस ने जब पत्थर फेंकने वाले उपद्रवियों को खदेड़ दिया तो दूसरी बार फिर से उपद्रवी जुटे और पुलिस फोर्स पर पेट्रोल बम से हमला किया।
#WATCH | Haldwani violence | DM Nainital, Vandana Singh says, "...Later, the police station was surrounded by the mob and those inside the police station were not allowed to come out. They were first pelted with stones & then attacked by petrol bombs. The vehicles outside the… pic.twitter.com/TlsDa3qO0N
— ANI (@ANI) February 9, 2024
थाने में बंद पुलिसकर्मियों का दम घुंटने लगा
भारी संख्या में असामाजिक तत्व बनभुलपूरा थाने के बाहर जुट गए। थाने को बाहर से घेर लिया गया। कुछ लोगों ने थाने के अंदर मौजूद टीम पर फायरिंग की। थाने के बाहर खड़ी गाड़ियों को आग लगा दी। आग लगने के बाद उठे धुएं से थाने के अंदर मौजूद पुलिसकर्मियों का दम घुंटने लगा। इसके बाद लाउड स्पीकर से अलाउंस कर लोगों को जगह छोड़ने के लिए कहा गया। आंसू गैस के गोले छोड़े गए। पानी की बौछार छोड़ी गई। इसके बाद भी जब भीड़ नहीं हटी, तो मजिस्ट्रेट ने कमर के नीचे गोली मारने का आदेश जारी किया। जिस समय थाने पर हमला हुआ, उस समय थाने में मजिस्ट्रेट और कई सारे पुलिसकर्मी मौजूद थे।
#WATCH | Haldwani violence | DM Nainital, Vandana Singh says, "...Later, the police station was surrounded by the mob and those inside the police station were not allowed to come out. They were first pelted with stones & then attacked by petrol bombs. The vehicles outside the… pic.twitter.com/TlsDa3qO0N
— ANI (@ANI) February 9, 2024
गांधी नगर में उपद्रवियों ने आतंक पैदा करने की कोशिश
डीएम ने बताया कि फोर्स का ज्यादा इस्तेमाल बनभूलपुर थाने को बचाने के लिए किया गया। बांकी जगह पर ज्यादा फोर्स का इस्तेमाल किए बिना सिर्फ लोगों को बचाने की कोशिश की गई। उपद्रवियों ने गांधी नगर इलाके में भी आतंकी मचाने की कोशिश की। थाने को बचाने के बाद पुलिस गांधी नगर में भी हिंसा फैलने से रोका गया। बनभूलपुरा से भारी संख्या में भीड़ निकल रही थी, ऐसे में पु़लिस की कोशिश यही रही कि प्रभावित क्षेत्र को छोड़कर किसी अन्य इलाके में हिंसा नहीं फैले
हिंसा में करीब 100 लोग घायल
हिंसा में करीब 100 लोग घायल हो गए। गुरुवार को सामने आई इस घटना के बाद शहर में कर्फ्यू लगाया गया है। दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए गए हैं। इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं। स्कूल भी बंद हैं। किसी भी अप्रत्याशित घटना को रोकने के लिए पुलिस अलर्ट पर है।
मदरसे को कब्जा मुक्त कराने पहुंची थी पुलिस
टकराव तब शुरू हुआ जब गुरुवार को सरकारी अधिकारियों की एक टीम ने पुलिस की मौजूदगी में एक सरकारी जमीन को मदरसे के कब्जे से मुक्त कराने पहुंची। इस दौरान नगर निगम और पुलिस-प्रशासन की टीम पर अराजक तत्वों ने हमले शुरू कर दिया। इसमें एसडीएम, निगम के स्टाफ और कुछ पत्रकार गंभीर रूप से जख्मी हो गए। साथ ही करीब 50 पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं।