Himanta Biswa Sarma Vows to Resign: केंद्र सरकार की तरफ से नागरिकता संशोधन कानून की अधिसूचना जारी होने के बाद असम में भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री हिमंता बिस्सा सरमा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस) के लिए आवेदन नहीं किया है और उसे नए कानून के तहत नागरिकता मिलती है तो वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।
केंद्र सरकार की अधिसूचना के ठीक एक दिन बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने यह घोषणा की। शिवसागर में आयोजित कार्यक्रम में हिमंता ने कहा कि मैं असम का बेटा हूं। अगर एनआरसी के लिए आवेदन नहीं करने वाले एक भी व्यक्ति को नागरिकता मिलती है, तो मैं इस्तीफा देने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा।
कोई नया कानून नहीं
हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि सीएए कोई नया कानून नहीं है। लोगों से पोर्टल के माध्यम से आवेदन करने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि विरोध में सड़कों पर उतरने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि पोर्टल पर डेटा अब बोलेगा और यह स्पष्ट हो जाएगा कि अधिनियम का विरोध करने वालों के दावे तथ्यात्मक रूप से सही हैं या नहीं।
#WATCH | On CAA, Assam CM Himanta Biswa Sarma says, "Those who support CAA are also in Assam and those who do not support it are also there... Those who oppose CAA can go to the court. Our aim is to ensure peace in the state and I would appeal to everyone to move forward in this… pic.twitter.com/bQZhyIi6Jk
— ANI (@ANI) March 12, 2024
पुलिस ने विपक्षी दलों को दिया नोटिस
इस बीच, सीएए लागू होने पर बड़े विरोध प्रदर्शन के आह्वान के बाद असम पुलिस ने विपक्षी दलों को नोटिस जारी किया है। नोटिस में पार्टियों को हड़ताल वापस लेने और राज्य में शांति बनाए रखने में सहयोग करने का आदेश दिया गया, चेतावनी दी गई कि यदि वे निर्देश का पालन करने में विफल रहते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस को अलर्ट पर रखा गया
16-पक्षीय संयुक्त विपक्षी मंच, असम (यूओएफए) ने सीएए के कार्यान्वयन के विरोध में राज्यव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। असम में अतिरिक्त पुलिस कर्मियों की तैनाती के साथ सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सभी पुलिस स्टेशनों को अलर्ट पर रखा गया है, गश्त तेज कर दी गई है और गुवाहाटी सहित राज्य के अधिकांश शहरों में प्रमुख मार्गों पर चेक-पोस्ट स्थापित किए गए हैं। यहां दिसंबर 2019 में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे।