INS Visakhapatnam rescue operation Gulf of Aden: भारतीय नौसेना के गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर ने आईएनएस विशाखापत्तनम ने 26 जनवरी की रात रेड सी की अदन की खाड़ी में फंसे एक जहाज की मदद की। अदन की खाड़ी में MV Marlin Luanda (एमवी मार्लिन लुआंडा) नामक इस जहाज पर हूती विद्रोहियों ने मिसाइल से हमला किया था। इस मिसाइल अटैक की वजह से जहाज में आग लग गई। इसके बाद जहाज ने संकट में फंसे होने का संदेश जारी करके मदद मांगी थी। INS विशाखापत्तनम ने बचाव अभियान चलाया और जहाज पर सवार सभी क्रू मेम्बर की जान बचा ली।
क्रूड ऑयल से जुड़ा सामान ले जा रहा था टैंकर शिप
INS विशाखापत्तनम बीते कुछ समय से अदन की खाड़ी में ही एंटी पायरेसी ऑपरेशन में जुटा है। ऐसे में जैसे ही सूचना मिली कि एक जहाज पर हूति विद्रोहियों इंडियन नेवी ने आईएनएस विशखापत्तनम को संकटग्रस्त जहाज की मदद के लिए भेज दिया। इस जहाज पर एक बांग्लादेशी और 22 भारतीय क्रू मेम्बर सवार थे। यह टैंकर शिप रसियन नेफ्था लेकर जा रहा था। रसियन नेफ्था कच्चे तेल से जुड़ा एक रसायन होता है।
#IndianNavy's Guided missile destroyer, #INSVisakhapatnam, deployed in the #GulfofAden responded to a distress call from MV #MarlinLuanda on the night of #26Jan 24.
— SpokespersonNavy (@indiannavy) January 27, 2024
The fire fighting efforts onboard the distressed Merchant Vessel is being augmented by the NBCD team along with… pic.twitter.com/meocASF2Lo
संकट्रग्रस्त जहाज को सुरक्षित जगह ले जाया जा रहा
आईएनएस विशाखापत्तनम को आग से जूझ रहे टैंकर शिप की मदद के लिए खास तौर पर एक फायर फाइटिंग टीम को भी भेजा गया। यह आग बुझाने वाले उपकरणों से लैस थी। इस टीम की वजह से आग की लपटों में घिरे जहाज से चालक दल के सदस्यों को बचाने में मदद मिली। फिलहाल जहाज पर सवार सभी लोग सुरक्षित हैं। जहाज पर लगी आग बुझा दी गई है और अब इस कैरियर को एक सुरक्षित पोर्ट की ओर ले जाया जा रहा है।
बीते हफ्ते भी इंडियन नेवी ने की थी एक जहाज की मदद
बीते कुछ हफ्तों में यमन के हूती विद्रोहियों ने अरब सागर से गुजरने वाले कई कॉमर्शियल शिप्स पर ड्रोन और मिसाइल से हमले किए हैं। यह दूसरा शिप है जिसकी भारतीय नौसेना की जहाज ने मदद की है। इससे पहले 17 जनवरी को हूती विद्रोहियों ने एमवी जेनको पिकार्डी नामक जहाज पर ड्रोन अटैक किया था। मार्शल आइलैंड के इस जहाज ने भी हमले के बाद मदद मांगी थी। जिसके बाद आईएनएस विशाखापत्तनम ने काफी सधा ऑपरेशन चलाकर उसकी मदद की थी।