Satta king satta: सट्टा किंग (Satta King) भारत में एक प्रसिद्ध और चर्चित सट्टा खेल है, जो राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और मध्य प्रदेश में काफी प्रचलित है। यह खेल एक नंबर आधारित सट्टा खेल है, जहां खिलाड़ी सही नंबर का अनुमान लगाकर बड़ी रकम जीतने की कोशिश करते हैं। हालांकि, यह खेल पूरी तरह से किस्मत पर निर्भर होता है और इसमें जीतने का कोई तय तरीका नहीं होता। बता दें कि फलौदी, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गली, दिसावर (Disawar Satta King) और साउथ दिल्ली का सट्टा बाजार भी देशभर में मशहूर है।
राजस्थान में है सबसे बड़ा सट्टा बाजार
राजस्थान के फलौदी का सट्टा बाजार देशभर में फेमस है। जहां हर चुनाव के दौरान जीत और हार की बोली लगती है। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव से लेकर स्थानीय निकाय चुनाव तक, करोड़ों रुपये का सट्टा यहां लगाया जाता है। जोधपुर स्थित फलौदी सट्टा बाजार खासतौर पर सुर्खियों में रहता है। चुनाव के समय यहां जबर्दस्त गहमागहमी होती है और यह सब कुछ जुबानी और एक दूसरे के भरोसे पर चलता है। फलौदी के सट्टे का आंकलन काफी सही माना जाता है।
क्रिकेट और बारिश पर भी सट्टा
फलौदी में चार प्रकार के सट्टे लगते हैं—बारिश, क्रिकेट, चुनाव और अंकों का सट्टा। सट्टा बाजार की खासियत यह है कि यहां चप्पल उछालकर भी सट्टा लगाया जाता है कि चप्पल उल्टी गिरेगी या सीधी। फलौदी का सट्टा बाजार अपनी विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है और यहां का आंकलन आमतौर पर सही होता है।
दिसावर सट्टा किंग की लोकप्रियता
दिसावर सट्टा किंग की शुरुआत उत्तर प्रदेश से हुई थी और यह दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में फैल गया है। दिसावर सट्टा किंग की लोकप्रियता का एक कारण इसका जल्दी परिणाम देना है, जिससे खिलाड़ी तुरंत जान सकते हैं कि वे जीते हैं या नहीं। इसके अलावा, इसमें बड़ी रकम जीतने का लालच भी इसे और आकर्षक बनाता है। हालांकि, यह खेल पूरी तरह से किस्मत पर निर्भर होता है और इसके साथ जुड़े कानूनी व आर्थिक जोखिम भी होते हैं।
(डिस्क्लेमर: सट्टा मटका या किसी भी प्रकार का जुआ भारत में गैर-कानूनी है। उपरोक्त लेख में सिर्फ सामान्य जानकारी है। हम किसी तरह के सट्टा या जुआ जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित नहीं करते हैं। इसमें लालच के साथ आर्थिक नुकसान का बड़ा जोखिम है)