Indian labourers trapped in Jordan: करीब 4 महीने से जॉर्डन में फंसे भारतीय मजदूरों की देश वापसी के लिए कोशिशें शुरू हो गई है। तमिलनाडु से द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK)सांसद ए राजा और केरल से कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) के सांसद बिनॉय विश्वम ने फंसे हुए भारतीय कामगारों की दुर्दशा पर चिंता जताई है। दोनों सांसदों ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को चिट्ठी लिखकर इन मजदूरों को भारत वापस बुलाने की मांग की है। इन दोनों सांसदों की ओर से कदम उठाने के बाद भारतीय मजदूरों की वतन वापसी की उम्मीद जगी है।
हरिभूमि ने सबसे पहले प्रकाशित की थी मजदूरों से जुड़ी खबर
हरिभूमि ने सबसे पहले 18 दिसंबर को यह खबर प्रकाशित की थी। फंसे हुए सारे मजदूराें की सूची भी उपलब्ध कराई थी। इसके साथ ही 23 दिसंबर को जॉर्डन में फंसे बिहार के सीतमढ़ी जिले के मजदूर जुनैद बैठा का वीडियो भी रीडर्स तक पहुंचाया था। इस वीडियो में मजदूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार से अपनी आपबीती साझा की थी। सभी फंसे मजदूरों को वापस बुलाने का अनुरोध किया था।
विदेश मंत्रालय से तत्काल ध्यान देने की मांग (Indian labourers trapped in Jordan)
सांसद ए. राजा ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को लिखी चिट्ठी में कहा है कि जॉर्डन के इंडस्ट्रियल सिटी साहेब अलता जमात में 69 भारतीय मजदूर फंसे हैं। यह सभी कर्मचारी वहां के हाई अपैरेल गारमेंट कंपनी में काम करते हैं। कामगारों की कंपनी उन्हें वेतन देने की इच्छुक नहीं है। इसके साथ ही कंपनी वीजा रिन्यू करवाने में भी दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। इसकी वजह से सभी मजदूर कंपनी कैंपस से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। उन्हें बाहर निकलने पर स्थानीय पुलिस की गिरफ्तारी का डर सता रहा है।
स्थानीय लेबर कोर्ट से मजदूरों को राहत
सांसद ए राजा ने अपनी चिट्ठी में बताया है कि जॉर्डन में फंसे मजदूरों में से सात मजदूरों ने वहां के स्थानीय लेबर कोर्ट में मामला भी दर्ज कराया था। वहां की लोकल लेबर कोर्ट ने इन कामगारों के पक्ष में फैसला सुनाया है। हालांकि, इसके बावजूद कंपनी इन मजदूरों को सोशल सिक्योरिटी के रूप में दी जाने वाली रकम देने से भी इनकार कर रही है। सांसद ने विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया है जॉर्डन स्थित भारतीय दूतावास को सभी फंसे भारतीय मजदूरों की हरसंभव मदद करने का निर्देश दिया जाए।
जॉर्डन सरकार से करें संपर्क: CPI सांसद बिनॉय विश्वम
इसी तरह, एक CPI सांसद बिनॉय विश्वम ने भी विदेश मंत्री जयशंकर को इस संबंध में चिट्ठी लिखी है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि जॉर्डन के अम्मान में भारत के 69 मजदूर फंसे हुए हैं। यह मजदूर असील यूनिवर्सल गारमेंट्स एंड अपैरल्स में काम करते हैं। इन्हें महीनों से वेतन नहीं मिला है। इन्हें खाने-पीने तक की दिक्कत हो रही है। सभी फंसे मजदूर वीजा संबंधी मुश्किलों का भी सामना कर रहे हैं। मदद मांगने के बावजूद भी भारतीय दूतावास से मदद नहीं मिल पा रही है। जॉर्डन सरकार से संपर्क कर इन भारतीय मजदूरों को वापस बुलाया जाए। स्थानीय प्रशासन की मदद से इन कामगारों का वेतन दिलवाने की दिशा में भी कदम उठाएं।