INS Sumitra Rescues Hijacked Vessel Al Naemi: इंडियन नेवी ने 24 घंटे के भीतर दूसरा बड़ा ऑपरेशन किया है। सोमवार को कोच्चि के तट से लगभग 800 मील दूर सोमालिया के पास असलहाधारी समुद्री डाकुओं ने मछली पकड़ने वाले जहाज अल नईमी को हाइजैक कर लिया। इसकी सूचना जैसे ही इंडियन नेवी के युद्धपोत आईएनएस सुमित्रा को मिली तो तत्काल राहत पहुंचाई गई। मरीन कमांडो ने ऑपरेशन में हिस्सा लिया। जहाज पर 19 पाकिस्तानी क्रू मेंबर्स सवार थे। बीते 24 घंटे में नेवी का यह दूसरा सफल अभियान था, जब डकैतों से जहाज को मुक्त कराया गया। रक्षा अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारतीय नौसेना के युद्धपोत हिंद महासागर क्षेत्र के चारों ओर तैनात हैं।
In a major mission, the Indian naval warship INS Sumitra rescued a hijacked fishing vessel Al Naemi with armed pirates around 800 miles off the coast of Kochi. The Marine Commandos of the Indian Navy took part in the operation to rescue the crew of the boat safely. This was the… pic.twitter.com/cIAl3sfTtZ
— ANI (@ANI) January 30, 2024
देखिए रेस्क्यू से जुड़े 3 फोटोज...
एक दिन पहले भी समुद्री लुटेरों से छुड़ाया था जहाज
अबर सागर में अदन की खाड़ी पास सोमवार को सोमालिया के डकैतों ने एक फिशिंग शिप इमान को हाइजैक कर लिया था। वॉरशिप आईएनएस सुमित्रा ने रेस्क्यू को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। शिप इमान ने समुद्री डकैतों का शिकार होने के बाद संकट में होने का मैसेज जारी किया था। यह संदेश आईएनएस सुमित्रा को मिला। इंडियन नेवी ने तुरंत मुसीबत में फंसे इस जहाज की ओर रवाना किया। आईएनएस सुमित्रा हेलिकॉप्टर से लैस होकर मौके पर पहुंचा था। लाउड स्पीकर के जरिए डाकुओं को चेतावनी दी गई। आखिरकार डाकुओं ने जहाज को छोड़ दिया। जहाज पर 17 क्रू मेंबर्स सवार थे।
कितना ताकतवर है आईएनएस सुमित्रा?
आईएनएस सुमित्रा 344 फीट लंबा युद्धपोत है। इसके बीम की ऊंचाई 43 फीट है। यह समुद्र में 46 किमी की अधिकतम स्पीड से चल सकता है। लेकिन इसकी गति 30 किमी प्रति घंटे कर दी जाए तो इसकी रेंज 11 हजार किमी है। इसमें 8 अधिकारी और 108 नौसैनिक तैनात रह सकते हैं।
इसमें 76 एमएम की सुपर रैपिड गन लगी है। इसके अलावा इसमें क्लोज इन वेपन सिस्टम, शैप लॉन्चर्स हैं। इस पर एक HAL ध्रुव और एक HAL चेतक हेलिकॉप्टर तैनात हो सकता है। आईएनएस सुमित्रा ने 2015 में यमन से 350 भारतीय नागरिकों को बचाया था।