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भारतीय नौसेना ने अरब सागर में कॉमर्शियल शिप्स की सुरक्षा के लिए निगरानी तेज कर दी है। इसके लिए तीन युद्धपोतों की तैनाती की गई है। आसमानी गश्त के लिए सर्विलांस प्लेन और टोही विमानों की मदद ली जा रही है।

Indian Navy increased surveillance: भारतीय नौसेना ने कॉमर्शियल शिप्स की सुरक्षा के लिए कोशशें तेज कर दी है। Indian Navy ने उत्तर और मध्य अरब सागर के साथ ही अदन की खाड़ी में निगरानी तेज कर दिया है। इन क्षेत्रों में तीन युद्धपोतों की तैनाती की गई है। वहीं, लंबी दूरी के सर्विलांस प्लेन  P-8I और टोही विमान आसामान से समुद्री सतह पर होने वाले किसी हलचल पर नजर रखेंगे। हाल के दिनों में लाल सागर में कई कॉमर्शियल शिप्स पर ड्रोन और मिसाइल हमले हुए हैं। इंडियन नेवी ने इन हमलों को देखते हुए यह कइम उठाया है। 

नौसेना प्रमुख ने जारी किए निर्देश
नेवी ने हिंद महासागर में भी सुरक्षा बढ़ा दी है। नौसना ने रविवार को बताया कि एक्सक्लूसिव इकोनोमिक जोन (ईईजेड) में प्रभावी ढ़ंग से निगरानी की जा रही है। भारतीय नौसेना इसके लिए इंडियन कोस्ट गार्ड (ICG) के साथ मिलकर काम कर रही है। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने अरब सागर क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए  हर संभव कदम उठाने के आदेश जारी किए हैं। जहाजों पर हमले की घटनाएं जिस क्षेत्र में हुई है वहां किसी भी संदेहास्पद गतिविधि पर नजर रखने के लिए कहा है।

नेशनल मैरिटाइम एजेंसी भी है साथ
जिन तीन युद्धपोतों को निगरानी के लिए लगाया गया है उनमें INS Kochi, INS Kolkata और INS Mormugao शामिल हैं। यह तीनों पोत स्टील्थ गाइडेट मिसाइल डिस्ट्रॉयर हैं। यानी कि ये युद्धपोत मिसाइल हमलों को नाकाम करने की क्षमता रखते हैं। ऐसे में जहाजों पर ड्रोन और  मिसाइल हमलों को रोकने के लिए इनकी तैनाती अहम हो जाती है। भारतीय नौसेना पूरी स्थिति पर नजर रखने के लिए नेशनल मैरिटाइम एजेंसी के साथ भी कॉर्डिनेट कर रही है। 

भारतीय समुद्री सीमा के पास बढ़े हैं हमले
हाल ही में समुद्र में तीन जहाजों पर हमला हुआ है।  'एमवी केम प्लूटो' पर ड्रोन हमला हुआ। लाल सागर में 'एमवी साईं बाबा' को निशाना बनाया गया। इसके साथ ही एमवी रुएन के साथ लूटपाट हुई थी। यह सभी घटनाएं भारत के इंटरनेशनल मैरिटाइम बॉर्डर से ज्यादा दूर नहीं हुए। ऐसे में सेना और सरकार दोनों ही समुद्री सुरक्षा को लेकर सख्त है। कुछ दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत इन हमलों को हंजाम देने वालों को समुद्र तल भी ढूंढ लाएगा और उनपर एक्शन लेगा। 

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