Jamaat-e-Islami Hind On LK Advani And Gyanvapi: भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न पुरस्कार मिलने से जमात जमात-ए-इस्लामी हिंद भड़क उठा है। संगठन के राष्ट्रीय सचिव मलिक मोहतसिम खान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मौजूदा सरकार से ऐसे ही लोगों को अवार्ड दिए जाने की उम्मीद की जा सकती है जिन्होंने बाबरी मस्जिद गिराई है। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार नफरत के बलबूते अपनी राजनीति को आगे बढ़ाना चाहती है।
उन्होंने कहा कि सरकार अपने उद्देश्यों के मुताबिक काम कर रही है। देश की जनता को सोचना चाहिए कि क्या ये सरकार कानून के मुताबिक काम कर रही है?
अब विश्वास टूट रहा है...
वहीं, उपाध्यक्ष मोहम्मद सलीम ने कहा कि देश में धार्मिक स्थलों और संस्थानों की सुरक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। हमारे देश में लोकतंत्र है। इसमें हम सब मिलकर सरकार चुनते हैं। इसके बाद देश में कानून व्यवस्था बनाए रखना और नागरिकों की सुरक्षा के लिए अहम इंतजाम करना भी सरकार की जिम्मेदारी है। अब सिर्फ मुसलमान ही नहीं, बल्कि सभी मिलकर सरकार को याद दिलाएंगे कि कानून के मुताबिक काम करना उनकी जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि अब भरोसा टूट रहा है। अजीब बात यह हो रही है कि कोर्ट भी देख रहा है कि भीड़ किस तरफ ज्यादा है और वो क्या सोच रहे हैं। यह हमारे देश और लोकतंत्र की कमजोरी है।
हाईकोर्ट ने रद्द कर दी थी याचिका
दरअसल, ज्ञानवापी की देखरेख करने वाली इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने वाराणसी कोर्ट के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन हाईकोर्ट ने व्यासजी तहखाने में जारी पूजा पाठ पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि 1991 तक तहखाने पर पूजा होती रही। लेकिन तत्कालीन मुलायम सिंह यादव की सरकार ने पूजा पर रोक लगा दी थी।