Kannada language row: कर्नाटक में भाषा को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कन्नड़ समर्थकों ने इसको लेकर बुधवार को शहर के कई इलाकों में हंगामा किया। कन्नड़ रक्षण वेदिके ने कार्यकर्ताओं ने कुछ दुकानों के नेमबोर्ड से तोड़ फोड़ की। बेंगलुरु इंटरनेशन एयरपोर्ट, एमजी रोड, बिग्रेड रोड और सेंट मार्क्स रोड पर कन्नड़ समर्थकों ने जमकर बवाल काटा। जहां भी अंग्रेजी और हिंदी लिखे नेमप्लेट दिखे उन्हें नुकसान पहुंचाया। इसके बाद पुलिस हिंसक प्रदर्शन करने वालों को हिरासत में ले लिया।
नेमबोर्ड पर कन्नड़ में नहीं हुआ तो नहीं करने देंगे काम
केआरवी के कन्वीनर टीए नारायण गौड़ा ने कहा कि अंग्रेजी और हिंदी में लिखे साइनबोर्ड राज्य में नहीं लगाए जाने चाहिए। कर्नाटक की आधिकारिक भाषा कन्नड़ है। इसलिए सभी साइनबोर्ड, बैनर और नेमबोर्ड कन्नड़ भाषा में ही होने चाहिए। अगर कोई कर्नाटक में बिजनेस कर रहा है तो उसे कन्नड़ का सम्मान करना होगा। अगर कन्नड़ को नजरअंदाज किया जाएगा। अगर दुकानदार नेमबोर्ड पर कन्नड़ अक्षर छोटे प्रिंट साइज में लिखेंगे तो हम उन्हें कर्नाटक में काम नहीं करने देंगे।
#WATCH | Bengaluru: Protestors from Kannada Raksha Vedhike were detained by Police for holding a protest demanding all businesses and enterprises in Karnataka to put nameplates in Kannada. pic.twitter.com/A5eQgLWqib
— ANI (@ANI) December 27, 2023
क्या है नया नियम जिसके बाद शुरू हुआ विवाद
बेंगलुरु निगम ने दुकानों से कहा है कि वे नेमबोर्ड पर 60 प्रतिशत कन्नड़ भाषा का इस्तेमाल करें। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के चीफ कमिश्नर तुषार गिरि नाथ ने इस संबंध में दो दिन पहले आदेश दिया। महानगर पालिका के दायरे में आने वाली सभी दुकानों को इसका पालन करने को कहा गया है।सभी दुकानों को इस नियम का पालन करने के लिए 28 फरवरी तक का समय दिया गया है। इस आदेश ने कर्नाटक में नए सिरे से हिंदी-कन्नड़ विवाद को जन्म दे दिया है।