Kerala IAS officers suspension: केरल सरकार ने अनुशासनहीनता के चलते दो IAS अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan) के नेतृत्व में यह कार्रवाई हुई। निलंबित अधिकारियों में के गोपालकृष्णन (K Gopalakrishnan) और एन प्रशांत (N Prashanth) शामिल हैं। इन दोनों पर अलग-अलग मामलों में अनुशासनहीनता के आरोप हैं।
धार्मिक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने पर गोपालकृष्णन निलंबित
के गोपालकृष्णन, जो 2013 बैच के IAS अधिकारी हैं, ने हाल ही में 'मल्लू हिंदू ऑफिसर्स' (Mallu Hindu Officers) नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। इस ग्रुप को बनाने के मकसद को लेकर सवाल उठे थे। हालांकि, बाद में कलेक्टर गोपालकृष्णन ने दावा किया कि उनका फोन हैक हो गया था, लेकिन फोरेंसिक जांच में यह साबित नहीं हुआ। फोन को फॉर्मेट कर दिया गया था, जिसके चलते हैकिंग की पुष्टिंग नहीं हो पाई। सरकार ने इस मामले को गंभीर मानते हुए गोपालकृष्णन के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है।
'कलेक्टर ब्रो' के नाम से मशहूर एन प्रशांत पर एक्शन
एन प्रशांत मौजूदा समय में कृषि विकास और किसान कल्याण विभाग के विशेष सचिव हैं। एन प्रशांत ने सोशल मीडिया पर एक सीनियर के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी। फेसबुक पर प्रशांत ने अतिरिक्त मुख्य सचिव ए जयतिलक के बारे में गलत खबरें फैलाने का आरोप लगाया और उन्हें 'साइकोपैथ' बताया। इस मामले के बाद प्रशांत को अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित किया गया हैं। इस मामले ने सोशल मीडिया पर भी काफी हलचल मचा दी थी।
कलेक्टर एन प्रशांत ने खुद को बताया 'विसलब्लोअर'
प्रशांत ने एक न्यूज चैनल को बताया कि उन्हें कार्रवाई की जानकारी नहीं दी गई थी। प्रशांत ने कहा कि सभी नागरिकों को संविधान से आलोचना करने का अधिकार मिला गया है। मैं एक 'विसलब्लोअर' हूं। मैंने जो भी आलोचना की उसका मकसद गलत प्रवृत्तियों का विरोध करना था, न कि सरकार की नीतियों पर निशाना साधना। इस तरह के मुद्दों पर आवाज उठाना किसी भी नागरिक का अधिकार है।
दूसरे मामलों में भी आरोपों का सामना कर रहे प्रशांत
एन प्रशांत पर केवल इसी मामले में आरोप नहीं हैं। पूर्व राज्य मत्स्य मंत्री मर्सीकुट्टी अम्मा ने उन पर विपक्षी नेताओं के साथ मिलकर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने का आरोप लगाया है। ऐसे में यह कहा जा रहा है कि प्रशांत का सस्पेंसन केवल प्रशासनिक मामला नहीं है, बल्कि इसके पीछे राजनीतिक कारण भी हो सकते हैं। यह मामला अब राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गया है।
राजस्व मंत्री ने अफसरों को दी चेतावनी
केरल के राजस्व मंत्री के राजन (K Rajan) ने पहले ही कह दिया था कि सरकारी अफसर सेवा में रहते हुए अनुशासन का पालन करें। मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगी और हर अधिकारी से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अपनी भूमिका को ध्यान में रखते हुए काम करें।