Kolkata Junior Doctor's Strike: पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों ने एक बार फिर हड़ताल का ऐलान किया है। इस बार, डॉक्टरों ने सरकार पर सुरक्षा की मांगों को अनदेखा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने काम पूरी तरह से बंद कर दिया है ताकि राज्य सरकार पर दबाव डाला जा सके। जूनियर डॉक्टरों की मुख्य मांग है कि उन्हें पूर्ण सुरक्षा दी जाए ताकि वे बिना डर के अपनी सेवाएं दे सकें। यह हड़ताल सुरक्षा व्यवस्था को लेकर ममता सरकार के रवैये से असंतुष्ट होकर की जा रही है।
पहले 42 दिनों तक की थी हड़ताल
जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि इससे पहले हम 42 दिनों तक लगातार प्रदर्शन करते रहे। 21 सितंबर को हमें आंशिक रूप से अपने ड्यूटी पर लौटे, लेकिन राज्य सरकार की ओर से हमारी सुरक्षा की मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस बात पर नाराज होकर डॉक्टरों ने मंगलवार को फिर से हड़ताल का ऐलान कर दिया है। जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि ममता सरकार ने वादे तो किए, लेकिन सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
RG Kar Medical College and Hospital rape-murder case | We are compelled to return to a full ceasework starting from today. Unless we receive clear action from the government on safety, patient services, and the politics of fear, we will have no choice but to continue our full… pic.twitter.com/FG0DxlI9CW
— ANI (@ANI) October 1, 2024
सुरक्षा की स्थिति में नहीं आई है कोई सुधार
इस मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही बरतने के लिए फटकार लगाई थी। कोर्ट ने 15 दिनों के भीतर सभी सरकारी अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश भी दिया था। इसके बावजूद, डॉक्टरों का कहना है कि सुरक्षा की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। डॉक्टरों के मुताबिक, सरकार ने केवल बातें की हैं,जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
ट्रेनी डॉक्टर के मर्डर के बाद शुरू हुई थी हड़ताल
जूनियर डॉक्टरों की यह हड़ताल अगस्त 9 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के रेप और मर्डर के बाद शुरू हुई थी। इस घटना ने राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर बड़ी बहस छेड़ दी थी। डॉक्टरों का कहना है कि अस्पतालों में अगर सुरक्षा की व्यवस्था नहीं होगी तो डॉक्टरों की जान को खतरा हो सकता है। डॉक्टरों ने कहा कि हमने ममता सरकार पर भरोसा जताया था, लेकिन हमसे किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया।
कोलकाता के सागर दत्ता अस्पताल में मरीज की मौत के बाद विवाद
27 सितंबर को कोलकाता के सागर दत्ता अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद तीन डॉक्टरों और तीन नर्सों के साथ मारपीट का मामला सामने आया। इस घटना ने जूनियर डॉक्टरों को फिर से आंदोलन के लिए मजबूर कर दिया। इस मामले में प्रदर्शन करने वाले चार डॉक्टरों को हिरासत में भी लिया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें सुरक्षा मिले बिना वे अपनी ड्यूटी नहीं कर सकते।