Kolkata Lady Doctor Rape-Murder Case: कोलकाता की लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर केस में रविवार, 25 अगस्त को काफी हलचल देखने को मिली। मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया। सीबीआई टीम ने प्रेसिडेंसी जेल में चार घंटे तक यह टेस्ट किया। इसके बाद टीम जेल से बाहर निकल आई। वहीं, अस्पताल में हुई इस बर्बरता के मामले में भ्रष्टाचार को लेकर भी छापेमारी की गई। सीबीआई ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर पर छानबीन की। लगभग छह घंटे तक चली छापेमारी के बाद एक टीम निकल गई, जबकि दूसरी टीम देर रात तक वहां मौजूद रही।
15 स्थानों पर छापेमारी, भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
सीबीआई ने संदीप घोष और उसकी टीम के दो दूसरे लोगों, देबाशीष सोम और संजय वशिष्ठ के घरों पर भी छापेमारी की। कुल 15 स्थानों पर सीबीआई ने रविवार सुबह से ही छानबीन शुरू की। सुबह 6 बजे से ही संदीप घोष के घर पर दस्तक दी गई, जहां लगभग डेढ़ घंटे बाद दरवाजा खोला गया। इस बीच, मेडिकल कॉलेज के पूर्व वाइस प्रिंसिपल अख्तर अली की शिकायत के आधार पर सीबीआई ने कार्रवाई की। मामले की गंभीरता को देखते हुए CBI पूरी मुस्तैदी से जुटी है।
मामले में गहराती जा रही है जांच
कोलकाता रेप-मर्डर केस की जांच अब और भी गहरी हो गई है। जिस तरह से डॉक्टर के साथ बर्बरता हुई, उसके पीछे के कारणों को तलाशा जा रहा है। सवाल उठता है कि क्या अस्पताल में कोई गड़बड़ी हो रही थी, जिससे डॉक्टर वाकिफ थी? क्या उसकी हत्या का संबंध भ्रष्टाचार से है? बता दें कि बंगाल की ममता सरकार ने मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने CBI को इसकी जांच सौंप दी, जिसके बाद से CBI कार्रवाई में जुटी है।
संदीप घोष अस्पताल से मुर्दे बेचने समेत कई गंभीर आरोप
CBI ने रविवार को 15 जगहों पर एक के बाद एक छापेमारी की। संदीप घोष पर अस्पताल के लावारिश लाशों को बेचने समेत गंभीर भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं। उसे दो बार ट्रांसफर किया गया, लेकिन अपने प्रभाव के चलते वह आरजी मेडिकल कॉलेज में ही बना रहा। SIT ने पहले ही भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं की जांच की थी, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद SIT को सभी सबूत और दस्तावेज CBI को सौंपने पड़े।
क्या ट्रेनी डॉक्टर सच उजागर कर सकती थी?
हाईकोर्ट द्वारा मामले को CBI को सौंपने के बाद कई सवाल उठते हैं। जैसे, क्या डॉक्टर को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वे कुछ गलतियों के बारे में जानती थीं? क्या अस्पताल के भ्रष्टाचार के कारण उन्हें हटाया गया? क्या भ्रष्टाचार का इस रेप-मर्डर केस से कोई गहरा संबंध है? इन सवालों के जवाब तलाशने के लिए CBI ने संदीप घोष से 100 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की है।
संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट, CBI के पास पुख्ता सबूत
CBI को इस जटिल मामले को सुलझाने के लिए पॉलीग्राफ टेस्ट का सहारा लेना पड़ा। आज मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ। इससे पहले शनिवार को इस केस में छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ था। संजय रॉय के खिलाफ CBI के पास कई पुख्ता सबूत हैं। पुलिस ने उसकी बाइक भी जब्त कर ली है, जिससे वह घटना की रात घर गया था। घटना स्थल के CCTV फुटेज और अन्य तकनीकी सबूत भी CBI के पास हैं।