Ladakh Shepherds Stand Up to Chinese Soldiers: लद्दाख से एक ऐसी खबर आई, जिस पर हर भारतीय को गर्व करना चाहिए। कुछ चरवाहों ने चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया। चरवाहे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भेड़ चरा रहे थे। यह देख चीनी सैनिकों ने उन्हें रोका। चरवाहे पीछे नहीं हटे और सैनिकों के सामने खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि यह भारतीय जमीन है और हम अपनी जमीन पर खड़े हैं। यह घटना जनवरी के शुरुआती हफ्ते का बताया जा रहा है।
गलवान संघर्ष के बाद नहीं जाते थे चरवाहे
2020 के गलवान संघर्ष के बाद स्थानीय चरवाहों ने इस क्षेत्र में जानवरों को चराना बंद कर दिया था। गलवान विवाद के बाद यह पहला मौका है जब चरवाहों ने इस जमीन पर अपना हक जताया और चीनी सैनिकों को वहां से पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया। चीनी पीएलए सैनिकों के साथ बहस करने के वीडियो ने भारतीयों का दिल जीत लिया है। एलएसी वह लाइन है जो भारतीय और चीनी क्षेत्रों को अलग करती है।
चुशुल के पार्षद ने शेयर किया वीडियो
चुशूल के पार्षद कोंचोक स्टैनजिन ने सोशल मीडिया पर चरवाहों का वीडियो शेयर किया। उन्होंने लिखा कि देखिए किस तरह से हमारे स्थानीय लोगों ने चीन की सेना के सामने अपनी बहादुरी दिखाते हुए दावा किया कि जिस पैंगोंग के उत्तरी तटीय इलाके में उन्हें दाखिल होने से रोक रहे हैं वह हमारे बंजारों की ही चारागाह भूमि है। चीन की सेना हमारे बंजारों को उनकी ही जमीन पर मवेशियों को चराने से रोक रही थी। मैं हमारे बंजारों को सलाम करता हूं, जो हमेशा हमारी जमीन की रक्षा के लिए देश की दूसरी संरक्षक शक्ति के रूप में खड़े रहते हैं।
एक अन्य ट्वीट में कोंचोक ने लिखा कि पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में भारतीय सेना की फायर फ्यूरी कॉर्प्स सकारात्मक बदलाव लेकर आई है। जिसे देखकर खुशी होती है। पैंगोंग झील के उत्तरी तट से सटे पारंपरिक चरागाहों पर हमारे चरवाहों और बंजारों को हक दिलाने में सेना ने मदद की है। ताजा मामला भारतीय सेना और नागरिकों के बीच मजबूत संबंधों का उदाहरण है।
क्या है वीडियो में?
वीडियो में देखा जा सकता है कि तीन चीनी बख्तरबंद वाहन और कई सैनिक चारागाह पर खड़े हैं। वाहनों पर अलार्म बज रहा है। यह संकेत है कि चरवाहे वहां से चले जाएं। लेकिन चरवाहे वे अपनी जिद पर अड़े हैं और पीएलए सैनिकों के साथ बहस करते नजर आ रहे हैं। चरवाहों का कहना है कि वे भारतीय क्षेत्र में खड़े हैं। कुछ मौकों पर जब झगड़ा बढ़ जाता है तो कुछ चरवाहे पत्थर उठाते नजर आते हैं। लेकिन वीडियो में हिंसा भड़कती नहीं दिख रही है। वीडियो में दिख रहे चीनी सैनिक हथियारबंद नहीं हैं।
It is heartening to see the positive impact made by @firefurycorps_IA
— Konchok Stanzin (@kstanzinladakh) January 30, 2024
in Border areas of Eastern Ladakh in facilitating the graziers & nomads to assert their rights in traditional grazing grounds along the north bank of Pangong.
I would like to thank #IndianArmy for such strong… pic.twitter.com/yNIBatPRKE
गलवान संघर्ष में शहीद हुए थे 20 जवान
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद है। अक्सर एलएसी पर झड़पें होती रहती हैं। 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। जबकि चीन का दावा है कि उन्होंने 4 सैनिक खोए हैं। हालांकि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीनी के तमाम सैनिक मारे गए थे। तनाव बढ़ने के बाद से दोनों पक्षों ने शांति बनाए रखने के लिए सैन्य और राजनयिक स्तर पर कई बैठकें की हैं। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने हाल ही में कहा कि एलएसी पर स्थिति स्थिर लेकिन संवेदनशील बनी हुई है। पिछले एक साल में कोई टकराव की स्थिति नहीं बनी है।