Chef Imitiaz Qureshi Dies: देश के मशहूर शेफ इम्तियाज़ कुरैशी (Chef Imitiaz Qureshi) का शुक्रवार को 93 साल की उम्र में निधन हो गया। पाक कला (कुकिंग) में अहम योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से नवाजा था। कुरैशी को खाना पकाने की दम पुख्त परंपरा को नया आयाम देने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। भारत में आईटीसी होटलों और कई अन्य बड़े स्थानों में बुखारा डिश की शुरुआत कराने में उनकी बड़ी भूमिका रही है। पाक कला के दिग्गज के दुनिया से अलविदा कहने पर देश के नामी शेफ और रेस्तरां मालिकों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दीं।
कुरैशी की पाक कला को हमेशा याद रखेंगे
शेफ कुणाल कपूर ने इम्तियाज कुरैशी की पाक कला से जुड़ी विरासत को याद करते हुए उनके निधन की खबर सोशल मीडिया पर शेयर की। इसमें कपूर ने लिखा- "बहुत दुख और भारी मन के साथ मैं आपको पद्मश्री शेफ इम्तियाज कुरैशी के निधन की दिल दहला देने वाली खबर बताते हुए दुखी हूं। पाक कला में उनकी विरासत और योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।"
पाक कला के असली रॉक स्टार थे कुरैशी
वहीं, रेस्तरां मालिक और इंडिगो हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर, अनुराग कटरियार ने कहा कि मास्टर शेफ इम्तियाज कुरैशी का जाना एक युग का अंत है। दम पुख्त और बुखारा को कई प्रतिष्ठित स्थानों में पहचान दिलाने वाले मशहूर मास्टर शेफ इम्तियाज कुरेशी अब नहीं रहे। वे भारतीय पाक कला जगत के असली रॉकस्टार थे।
शेफ रणवीर ने बताया जीवन बदलने वाला लम्हा
फेमस शेफ रणवीर बराड़ ने इम्तियाज कुरैशी से जुड़ा एक किस्सा साझा कर बताया कि 1998-1999 के आसपास की बात है, जब मैं दिल्ली के ताज पैलेस में एक ट्रेनी शेफ था। एक बार मैंने 612 रुपए कमाए थे और उसे लेकर अगले दरवाजे आईटीसी मौर्या पहुंच गया। तब दम पख्त में सिर्फ गलौटी कबाब खा रहा था। मेरे लिए यह बड़ी बात थी कि मैं आईटीसी होटल में इम्तियाज कुरैशी का बना खाना खा रहा था, यह मेरे लिए जीवन बदलने वाला पल था। उन्होंने दम पुख्त परंपरा को लखनऊ से बाहर निकाला और इसे नई पहचान दिलाई।
अवधी व्यंजनों के आधुनिक जनक थे कुरैशी
सिंगर अदनान सामी ने "पाक प्रतिभा" के लिए कहा कि पद्मश्री मास्टर शेफ इम्तियाज कुरैशी जीवन के प्रति उत्साह से भरपूर व्यक्ति थे। वे अवधी व्यंजनों के आधुनिक जनक थे और उनकी बिरयानी प्रसिद्ध थी, जो उन्होंने दुनियाभर को खिलाई थी। अल्लाह उन्हें जन्नत-उल-फिरदौस अता फरमाए।