Lok Sabha Election 2024:समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। अखिलेश यादव इस सीट से तीन बार सांसद रह चुके हैं। साथ ही इस सीट से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव, उनके पिता और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव भी सांसद रह चुके हैं। समाजवादी पार्टी के ऑफिशियल X अकाउंट से पोस्ट कर अखिलेश यादव को कन्नौज से कैंडिडेट बनाने का ऐलान किया गया।
25 अप्रैल को नामांकन दाखिल करेंगे अखिलेश
अखिलेश यादव गुरुवार दोपहर अपना नामांकन पर्चा दाखिल करेंगे। अखिलेश यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ सीट से जीत हासिल की थी। हालांकि, 2022 में करहल से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अखिलेश ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था। बीते कुछ दिनों से इस बात की चर्चा हो रही थी कि अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। बुधवार को अखिलेश यादव की आजमगढ़ से उम्मीदवारी के ऐलान से पहले रामगोपाल यादव ने मीडिया से कहा कि लोकसभा चुनाव के बारे में फैसला ले लिया गया है।
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी कल अपराह्न 12 बजे कन्नौज लोकसभा से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) April 24, 2024
कन्नौज से तेज प्रताप बनाए गए थे कैंडिडेट
बता दें कि समाजवादी पार्टी ने कन्नौज सीट से तेज प्रताप सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया था। इस सप्ताह के शुरुआत में तेज प्रताप सिंह यादव के नाम की घोषणा की गई थी। हालांकि, अब तेज प्रताप इस सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे। बता दें कि तेज प्रताप यादव अखिलेश यादव के भतीजे और मुलायम सिंह यादव के भाई रणवीर के पोते हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में तेज प्रताप यादव ने उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट से जीत हासिल की थी।
कन्नौज कैंडिडेट से खुश नहीं थे सपा कार्यकर्ता
सूत्रों के हवाले से मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता कन्नौज से तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज था। कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना था कि अखिलेश यादव आम कार्यकर्ताओं के बदले परिवार के सदस्यों को मौका दे रहे हैं। अखिलेश यादव ने पहले लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। अखिलेश ने फैसला लिया था कि वह चुनाव की रणनीतियां तैयार करने में समय देंगे। हालांकि, कन्नौज सीट से तेज प्रताप की उम्मीदवारी से उपजे असंतोष को देखते हुए खुद चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
कभी सपा का गढ़ रहा है कन्नौज
बता दें कि 2019 से पहले तक कन्नौज समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से बीजेपी के सुब्रत पाठक ने 14 हजार वोटों से जीत हासिल की थी। अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने साल 2012 में इस सीट से चुनाव जीता था, हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में सुब्रत पाठक से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद साल 2022 में हुए उपचुनाव में डिंपल यादव ने मैनपुरी सीट से चुनाव लड़ा और तीन लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी।
इंडिया गठबंधन में शामिल है सपा
बता दें कि समाजवादी पार्टी यह लोकसभा चुनाव कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया ब्लॉक के साथ मिलकर लड़ रही है। सीट शेयरिंग में समाजवादी पार्टी के हिस्से में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 63 सीटें आई हैं। कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस ने अभी तक अमेठी और रायबरेली जैसी सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है। ऐसी चर्चा है कि रायबरेली से प्रियंका गांधी और अमेठी से राहुल गांधी बीजेपी की प्रत्याशी स्मृति ईरानी के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं।
कन्नौज में 13 मई को होगी वोटिंग
यूपी में लोकसभा की 80 सीटें होने की वजह से यह लोकसभा चुनाव में बेहद अहम है। जहां बीजेपी इस लोकसभा चुनाव में 400 सीटें जीतने के टारगेट के साथ चुनाव लड़ रही है, वहीं विपक्ष की पूरी कोशिश है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार केंद्र की सत्ता हासिल करने से रोका जा सके। गौरतलब है कि कन्नौज में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत 13 मई को वोटिंग होगी। चुनाव के नतीजों का ऐलान 4 जून काे किया जाएगा।