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13 दिसंबर का दिन इतिहास के पन्नों में पहले ही दर्ज है। यही तारीख थी जब पुरानी संसद पर हमला हुआ था। आज यानी बुधवार को 22वीं बरसी है। इसी बीच नई पार्लियामेंट बिल्डिंग में दो लोग अचानक दर्शक दीर्घा से कूद गए। इसके बाद उन्होंने कलर स्मोक जला दिया। जिससे सदन में अफरा तफरी का माहौल निर्मित हो गया।

Lok Sabha Security Breach: 13 दिसंबर का दिन इतिहास के पन्नों में पहले ही दर्ज है। यही तारीख थी जब पुरानी संसद पर हमला हुआ था। आज यानी बुधवार को 22वीं बरसी है। इसी बीच नई पार्लियामेंट बिल्डिंग में दो लोग अचानक दर्शक दीर्घा से कूद गए। इसके बाद उन्होंने कलर स्मोक जला दिया। जिससे सदन में अफरा तफरी का माहौल निर्मित हो गया। ये सुरक्षा में बड़ी चूक है। बताया जा रहा है, लोकसभा में कूदे हमलावर कर्नाटक के बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के नाम पर बने विजिटर पास से दाखिल हुए थे। घटना को अंजाम देने वाले गिरफ्तार कर लिए गए हैं। 

जानिए कैसे होती है संसद की सुरक्षा
संसद की सुरक्षा व्यवस्था में ढेर सारी एजेंसीज़ होती है। लोकसभा सचिवालय में संयुक्त सचिव (सुरक्षा) संसद की पूरी सुरक्षा देखते हैं। बता दें, संसद की सुरक्षा में लगी सभी एजेंसियां इन्हीं ही रिपोर्ट करती हैं।

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पार्लियामेंट्री सिक्योरिटी सर्विस। abp news

सुरक्षा में ये एजेंसी होती हैं शामिल।
1. पार्लियामेंट्री सिक्योरिटी सर्विस।
2. पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप। 
3. सुरक्षा एजेंसियां।
4. दिल्ली पुलिस। 

संसद की सुरक्षा के लिए चार लेयर बनाई गई है। इसमें बाहरी सुरक्षा दिल्ली पुलिस के जिम्मे है। संसद भवन में कोई जाता है या फिर संसद भवन में कोई जबरदस्ती घुसने का प्रयास करता है तो सबसे पहले उसे दिल्ली पुलिस से सामना करना पड़ेगा। 

इसके बाद दूसरी लेयर पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप की होती है। तीसरी लेयर पार्लियामेंट्री सिक्योरिटी सर्विस की होती है। बता दें, पार्लियामेंट्री सिक्योरिटी सर्विस राज्यसभा और लोकसभा के लिए अलग-अलग होते हैं। 

संसद के बाहर बहुत सारी एजेंसियों के हथियारबंद जवान तैनात होते हैं। इनमें CRPF, ITBP और NSG के कमांडो होते हैं। इसके अलावा दिल्ली पुलिस की एक आतंकरोधी दस्ता भी तैनात होता है। इसमें दिल्ली पुलिस के कमांडो होते हैं, जिनके पास अचानक आए किसी भी खतरे से निपटने के लिए खास हथियार और वाहन होते हैं। 

x,y Z, Z Plus सुरक्षा में क्या है अंतर

आपने  अभी तक x, Y, Z और Z Plus जैसे नाम सुना होगा। दरअसल, ये सुरक्षा की कैटेगरी हैं।  ये vip के हिसाब से दी जाती हैं। गृह मंत्री और प्रधानमंत्री को जेड प्लस की सुरक्षा दी जाती है।  ये सुरक्षा किसी विशेष व्यक्ति के लिए होती है। बता दें, जिन मंत्रियों को Y, Z और Z Plus सुरक्षा मिली होती है, उन्हें भी संसद में प्रवेश करते समय अपने सिक्योरिटी गार्ड्स को बाहर छोड़ना होता है। 

यहां जानें कौन बनवाता है विजिटर पास

हम आप को बताने जा रहे हैं विजिटर पास के बारे में। आप जान लें संसद में प्रवेश आसान नहीं है। इसके लिए विजिटर पास बनवाना पड़ता है। इसके बिना संसद में एंट्री
नहीं कर सकते है। विजिटर पास बनने के बाद आप संसद में प्रवेश कर दर्शक दीर्घा में बैठ कर संसद की कार्यवाही देख सकते है। साथ ही कोई भी सांसद अपने सिफारिशी पत्र के माध्यम से विजिटर पास बनवा सकते है।

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