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Lok Sabha Speaker Election 2024: लोकसभा स्पीकर पद के चुनाव में विपक्ष को बड़ा झटका लग सकता है। 7 सांसदों ने अब तक शपथ नहीं ली है।इससे विपक्षी सांसदों की संख्या घटकर 227 रह जाएगी।

Lok Sabha Speaker Election 2024: लोकसभा अध्यक्ष पद के चुनाव में विपक्ष को बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि इसके 232 सांसदों में से 7 ने अभी तक शपथ नहीं ली है। इन सांसदों में कांग्रेस के शशि थरूर और तृणमूल कांग्रेस के अभिनेता-राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा शामिल हैं। शपथ लंबित होने के कारण ये सांसद चुनाव में मतदान नहीं कर सकेंगे, जिससे विपक्ष की संख्या घटकर 227 रह जाएगी।

कौन हैं अब तक शपथ नहीं लेने वाले सांसद
इन 7 सांसदों में तृणमूल कांग्रेस के दीपक अधिकारी और नूरुल इस्लाम, समाजवादी पार्टी के अफजल अंसारी, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, टीएमसी के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा और दो निर्दलीय सांसद शामिल हैं। अफजल अंसारी मुख्तार अंसारी के बड़े भाई हैं, जिनकी सजा पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रोक लगाई है। यदि न्यायालय उनकी सजा बरकरार रखता है, तो वे संसद की सदस्यता खो देंगे। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इन सांसदों की शपथ क्यों लंबित है।

बहुमत के आंकड़े पर असर
स्पीकर चुनाव में जीत उपस्थित और मतदान करने वाले सांसदों की संख्या पर आधारित होती है। विपक्ष के 7 सांसदों की अनुपस्थिति से बहुमत का आंकड़ा 269 रह जाएगा। एनडीए के पास मौजूदा समय में 293 सांसदों का समर्थन है। इसके साथ ही वाईएस जगनमोहन रेड्डी की अगुवाई वाली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के चार सांसदों का समर्थन भी  NDA को मिलने की उम्मीद है।

भाजपा की कैसी है तैयारी? 
भाजपा के पास पहले से ही ओम बिड़ला की जीत सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सांसद हैं, जो दूसरी बार विपक्ष के उम्मीदवार के. सुरेश के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल, नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद और शिलांग के सांसद रिकी एंड्रयू सिंगकोन को भी अपने साथ लाने की कोशिश कर रही है, जिससे पार्टी का लक्ष्य 300 सीटों की मनोवैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण सीमा को पार करना है।

विपक्ष ने भी कसी कमर
भाजपा के पास पहले से ही पर्याप्त संख्या में सांसद हैं, फिर भी विपक्ष के पास लड़ाई का मौका है। कांग्रेस और टीएमसी के सांसद अपने-अपने दलों की स्थिति को मजबूत करने के लिए चुनाव में पूरी तरह से जुटे हुए हैं। विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी और अन्य प्रमुख नेता सरकार के खिलाफ अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं। टीएमसी ने विपक्ष को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। विपक्ष अब निर्दलीय सांसदों को भी अपने पक्ष में लामबंद करने की कोशिशों में जुटा है। 

कितना अहम है यह चुनाव
स्पीकर चुनाव में जीत एनडीए के लिए मनोबल बढ़ाने वाली साबित हो सकती है। वहीं,  विपक्ष के लिए यह एक कठिन परीक्षा की तरह है। इस चुनाव के परिणाम से आने वाले दिनों में संसद की दिशा और दशा तय होगी। सभी दल अपने-अपने पक्ष को मजबूत करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। विपक्ष इस बार मजबूत स्थिति में है और यही वजह है कि विपक्ष ने लोकसभा स्पीकर के चुनाव में अपना कैंडिडेट उतार कर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की है।

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