Lok Sabha Speaker Election: 18वीं लोकसभा का पहला सत्र में ही सत्तापक्ष और विपक्ष में घमासान देखने को मिल रहा है। लोकसभा अध्यक्ष के लिए भारत में दूसरी बार चुनाव होने जा रहा है। लोकसभा स्पीकर पद के लिए एनडीए और विपक्ष में सहमति नहीं बन पाई है। एनडीए से ओम बिरला के सामने विपक्ष ने के सुरेश को मैदान में उतारा है। दोनों ही ओर से कैंडिडेट ने नामांकन कर दिया।
लोकसभा स्पीकर चुनाव में कहां फंसा पेंच
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष स्पीकर पद के लिए सरकार का समर्थन करने को तैयार है, लेकिन बदले में डिप्टी स्पीकर पद विपक्ष को चाहिए। राहुल गांधी ने बताया कि इस बारे में राजनाथ सिंह और मल्लिकार्जुन खरगे के बीच बात हुई थी। राजनाथ सिंह ने कहा था कि वे चर्चा करके रिटर्न कॉल करेंगे, लेकिन कोई कॉल नहीं आया। राहुल ने इसे अपने नेता का अपमान बताया। इसके बाद विपक्ष ने स्पीकर पद के लिए दावेदारी कर दी।
विपक्ष ने की डिप्टी स्पीकर पद की मांग
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कल ही प्रधानमंत्री ने लोकसभा और राज्यसभा को सही ढंग से संचालित करने के लिए सहमति बनाने की बात कही। यही वजह रही कि राहुल गांधी ने सोमवार इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। सहमति बनाने की प्राइमरी ड्यूटी सरकार और प्रधानमंत्री की है। हम सरकार की ओर से लोकसभा स्पीकर के लिए प्रस्तावित कैंडिडेट का समर्थन करने के लिए तैयार हैं लेकिन सरकार को विपक्ष के दर्जे का भी सम्मान करना चाहिए।
राजनाथ सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष के बीच हुई बातचीत
जब यूपीए 10 साल तक सत्ता में रही तो हमने डिप्टी स्पीकर का पोस्ट विपक्ष (बीजेपी) को दिया। हालांकि जब एनडीए बीते 10 साल सत्ता में रही तो स्पीकर और डिप्टी स्पीकर एनडीए के रहे। राजनाथ सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष से बात हुई तो राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें स्पीकर को समर्थन देने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष का होना चाहिए। इस पर राजनाथ सिंह ने कहा कि वे पार्टी कमांड से पूछकर बताएंगे। इसके बाद भी कोई जवाब नहीं आया। अचानक उन लोगों ने मुझसे संपर्क किया और अपने प्रस्तावित स्पीकर पद के समर्थन के दस्तावेजों पर साइन करने को कहा। यह सही बात नहीं है। यही वजह है कि हमने स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है।
हार-जीत का फैसला सदन में होगा
लोकसभा स्पीकर के लिए कांग्रेस की ओर से नामांकन दाखिल करने के बाद कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा कि मैंने नामांकन दाखिल कर दिया है। यह पार्टी का फैसला है मेरा नहीं। यह पूछे जाने पर कि क्या आपको भरोसा है की जीत जाएंगे, इस पर के सुरेश ने कहा कि यह एक चुनाव है,जीत होगी या हार इसका फैसला लोकसभा में होगा। नतीजे आने के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकेगा।
बीते दो लोकसभा में हमें यह कहकर डिप्टी स्पीकर का पद नहीं दिया गया कि आप रिकग्नाइज्ड विपक्ष नहीं हैं। डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष का अधिकार है, लेकिन वे हमें यह देने के लिए तैयार नहीं है। हमनें 11.50 बजे तक सरकार के जवाब का इंतजार किया, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया। यही वजह है कि हमने नामांकन दाखिल किया है।
स्पीकर और डिप्टी स्पीकर पूरे सदन का होता है: प्रहलाद जोशी
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि आज स्पीकर पद के लिए प्रपोजल मूव करना था। इससे पहले राजनाथ सिंह और अमित शाह ने विपक्ष के लोगों से बात की। हालांकि, दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने इसके लिए पूर्व शर्तें रखते हुए समर्थन देने की बात की। संसदीय प्रजा प्रभुत्व में ऐसा कभी भी नहीं हो सकता।
जब कांग्रेस नेताओं ने डिप्टी स्पीकर का मुद्दा उठाया तो राजनाथ सिंह ने कहा कि जब उस पद पर चुनाव की बात आएगी तो हम फिर से इस पर चर्चा करेंगे, क्योंकि यह स्पीकर और डिप्टी स्पीकर पक्ष या विपक्ष का नहीं बल्कि पूरे सदन का होता है। इसमें एक बार चुने जाने के बाद पक्ष या विपक्ष नहीं होता। यह दोनों पद पूरे सदन के कस्टोडियन होते हैं। मैं एक बार फिर से विपक्ष के नेताओं से अनुरोध करूंगा कि एक बार फिर से सर्वसम्मति से लोकसभा स्पीकर चुने जाने पर विचार करिए।
कांग्रेस की ओर से नामांकन दाखिल करना दुख की बात: रिजिजू
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हमने सबसे बात की है। कल से हम इस पर बात कर रहे हैं। आज भी हमने सदन के सभी विपक्षी नेताओं से बात की है। स्पीकर किसी पार्टी का नहीं होता है। वे पूरे सदन का संचालन करने के लिए सर्वसम्मति से बनाए जाते हैं।
कांग्रेस ने अगर स्पीकर पद को चुनौती देने के लिए नामांकन दाखिल किया है तो यह बेहद अफसोस की बात है क्योंकि आज तक स्पीकर पद के लिए चुनाव नहीं हुआ है। जब कांग्रेस के नेता आए और राजनाथ सिंह, गृह मंत्री समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। कांग्रेस नेताओं ने शर्त रखी कि डिप्टी स्पीकर का पद तय करने पर ही समर्थन देंगे। ये जो आदान प्रदान करके स्पीकर और डिप्टी स्पीकर पद के लिए आदान प्रदान करना सही नहीं है। स्पीकर पद का चुनाव और डिप्टी स्पीकर पद का चुनाव अलग अलग बातें हैं। अगर कांग्रेस ने नामांकन दाखिल किया है तो यह काफी दुख की बात है।