Logo
Supreme Court on Ajit Pawar: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र चुनाव से पहले अजित पवार गुट को फटकार लगाई है। चुनाव में शरद पवार की तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल नहीं करने की हिदायत दी।

Supreme Court on Ajit Pawar: सुप्रीम कोर्ट में बुधवार(14 नवम्बर) को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दोनों गुटों के बीच के विवाद से जुड़े मामले में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट को कड़ी फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह महाराष्ट्र चुनाव में शरद पवार की तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल नहीं करें। कोर्ट ने एनसीपी (शरद पवार) की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि अजित पवार गुट को अपनी अलग पहचान के साथ चुनावी मैदान में उतरना होगा। मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुयान की बेंच ने की।

मतदाताओं को भ्रमित नहीं करना चाहिए: कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अजित पवार को अपने समर्थकों को निर्देश देना चाहिए कि वह शरद पवार की तस्वीरों और वीडियो को चुनाव प्रचार में ना दिखाएं। कोर्ट ने कहा कि मतदाताओं को भ्रमित नहीं करना चाहिए। यह एक जरूरी कदम है जिससे मतदाता स्पष्टता से चुनाव कर सकें। दोनों गुटों को इस बात के लिए पर्याप्त कदम उठाने चाहिए जिससे वोटर्स को पता चल सके कि वह एनसीपी के किस गुट से ताल्लुक रखते हैं। 

शरद पवार की ओर से कोर्ट में पेश किए गए सबूत
शरद पवार की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में पोस्टर और सोशल मीडिया पोस्ट के सबूत पेश किए। उन्होंने दावा किया कि एनसीपी (अजित पवार) के उम्मीदवार अमोल मिटकारी ने शरद पवार की तस्वीरों का इस्तेमाल किया है। सिंघवी ने कोर्ट से आग्रह किया कि इसे रोका जाए ताकि मतदाताओं को किसी तरह का भ्रम नहीं हो। अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में तर्क दिया कि अजित पवार का गुट शरद पवार की छवि का लाभ उठाने की कोशिश कर रहा है।

अजित पवार पक्ष ने किया दावों का खंडन
अजित पवार की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट बलबीर सिंह ने इन आरोपों को "झूठा" बताया और कहा कि चुनाव प्रचार में ऐसे किसी भी फोटो का इस्तेमाल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि आज के एआई के दौर में तस्वीरें और वीडियो को मॉर्फ करना आसान है। कोर्ट ने इस पर संतुलित रुख अपनाते हुए कहा कि एआई के बढ़ते इस्तेमाल के चलते ऐसे मामलों में सतर्कता जरूरी है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के कारण फोटो और वीडियो में हेरफेर हो सकता है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि AI से छेड़छाड़ का खतरा बढ़ गया है और इसके प्रति सतर्क रहने की जरूरत है।

कोर्ट ने कहा 'जनता सब जानती है'
कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता इन सभी विवादों का वाकिफ है, सबकुछ जानती है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि मतदाता जानते हैं कि कौन शरद पवार है और कौन अजित पवार। अदालत ने कहा कि मतदाता खुद समझदार हैं और किसी भ्रम का शिकार नहीं होंगे। कोर्ट ने अजित पवार गुट से कहा कि खुद के बलबूते खड़ें और अपनी पार्टी का चुनाव प्रचार अपने बल पर करें।

आज ग्रामीण जनता भी है जागरूक: कोर्ट
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, "क्या महाराष्ट्र के लोग एनसीपी में हुई टूट से अनजान हैं? ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी अब सोशल मीडिया की वजह से जागरूक हो चुके हैं। शरद पवार के एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने यह भी कहा कि कोर्ट का आदेश सभी को मानना चाहिए और शरद पवार गुट के साथ कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। इस पर अजित पवार की ओर से वरिष्ठ वकील बलबीर सिंह ने अदालत को आश्वासन दिया कि इन निर्देशों का पालन किया जाएगा। 

 2022 में हुआ था एनसीपी के दोनों गुटों का बंटवारा
2022 में शरद पवार और अजित पवार गुटों में विवाद के बाद, चुनाव आयोग ने अजित पवार के गुट को कानूनी NCP के रूप में मान्यता दी थी और उन्हें घड़ी का चुनाव चिह्न दिया था। शरद पवार गुट ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने अजित पवार गुट को आदेश दिया था कि चुनाव प्रचार में स्पष्टता रखें और शरद पवार का नाम और छवि न इस्तेमाल करें। चुनाव से पहले कोर्ट का यह निर्णय महाराष्ट्र की राजनीति में अहम भूमिका निभाएगा।

jindal steel jindal logo
5379487