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Maharashtra Implemented UPS: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार द्वारा UPS की घोषणा के बाद, महाराष्ट्र पहला राज्य बन गया है जिसने इसे लागू करने का फैसला किया है।

Maharashtra Implemented UPS: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार द्वारा UPS की घोषणा के बाद, महाराष्ट्र पहला राज्य बन गया है जिसने इसे लागू करने का फैसला किया है। रविवार को महाराष्ट्र कैबिनेट ने इस योजना को मंजूरी दी, जिससे राज्य में न्यू पेंशन योजना (NPS) के स्थान पर UPS लागू होने का रास्ता साफ हो गया है।

राज्य कर्मचारियों को मिलेगा वित्तीय सुरक्षा का लाभ
यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) को राज्य कर्मचारियों के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है। UPS के तहत, कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन और परिवार को पेंशन की गारंटी दी जाएगी। साथ ही, महंगाई बढ़ने के साथ-साथ पेंशन में वृद्धि का भी प्रावधान है। केंद्र सरकार के अनुसार, लगभग 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को इस योजना का लाभ मिलेगा, और अगर राज्य सरकारें इसे लागू करती हैं, तो उन्हें भी इसका फायदा मिलेगा।

UPS क्या है?
यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) एक नई पेंशन योजना है, जिसे केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पेश किया है। यह योजना 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी। इस योजना के तहत कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन दी जाएगी और कर्मचारी की मृत्यु के बाद उनके परिवार को भी पेंशन का लाभ मिलेगा। इसके अलावा, न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन भी प्रदान की जाएगी।

कितनी पेंशन मिलेगी कर्मचारियों और उनके परिवार को?
UPS के तहत, कर्मचारियों को उनकी 12 महीने की औसत बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत जीवनभर के लिए पेंशन के रूप में दिया जाएगा। इसके लिए कर्मचारियों को कम से कम 25 साल की सेवा करनी होगी। इसके साथ ही, समय-समय पर इस पेंशन में महंगाई राहत (DR) भी जोड़ी जाएगी। परिवार पेंशन के लिए, कर्मचारी की मृत्यु के बाद, परिवार के किसी पात्र सदस्य को कर्मचारी की पेंशन का 60 प्रतिशत दिया जाएगा। अगर किसी कर्मचारी ने केवल 10 साल या उससे अधिक सेवा की है, तो उन्हें न्यूनतम 10,000 रुपये पेंशन मिलेगी।

पेंशन के साथ मिलेगा यह लाभ भी
UPS के तहत, ग्रैच्युटी के अलावा, रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि भी दी जाएगी। इसे कर्मचारियों की सेवा के हर 6 महीने के लिए बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता के 10वें हिस्से के रूप में गणना की जाएगी। हालांकि, इस ग्रैच्युटी की राशि पुरानी पेंशन योजना (OPS) से कम हो सकती है।

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