Maldives foreign minister Moosa Zameer statement: भारत के साथ टूरिज्म के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने सफाई दी है। मूसा जमीर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट कर कहा कि विदेशी नेताओं और हमारे करीबी पड़ोसी देश के बारे में की गई हालिया टिप्पणियां स्वीकार करने के योग्य नहीं है। यह मालदीव सरकार के आधिकारिक स्थिति को नहीं दर्शाते हैं। हम आपसी सम्मान और समझ के आधार अपने सभी पार्टनर खासकर पड़ोसियों के साथ पॉजिटिव और क्रिएटिव बातचीत को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
The recent remarks against foreign leaders and our close neighbours are unacceptable and do not reflect the official position of the Government of #Maldives.
— Moosa Zameer (@MoosaZameer) January 7, 2024
We remain committed to fostering a positive and constructive dialogue with all our partners, especially our neighbours,…
मालदीव सरकार ने जारी किया था बयान
मालदीव सरकार ने रविवार को भारत के बारे में अपमानजनक टिप्पणी को लेकर बयान जारी किया। मालदीव सरकार ने कहा कि जिन लोगों ने भी सरकारी पद पर रहते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की है, उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। मालदीव सरकार ने साफ कर दिया कि इन विवादित टिप्पणियों को मालदीव सरकार से न जोड़ा जाए। जिन लोगों ने भी विदेशी नेताओं और बड़ी शख्सियतों के बारे में टिप्पणियां की है, ये उनके निजी विचार थे। मालदीव सरकार का इन बयानों से कोई लेना देना नहीं है।
मालदीव के दो पूर्व राष्ट्रपतियों ने भी दी थी सफाई
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह भारत के लिए इस्तेमाल की गई नफरत भरी टिप्पणियों की आलोचना की थी। सोलिह ने कहा कि भारत हमेशा से मालदीव का अच्छा दोस्त रहा है। हमें भारत के लिए ऐसी टिप्पणियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इससे दोनों देशों के बीच सैंकड़ों साल पुरानी दोस्ती पर निगेटिव असर होगा। मालदीव के एक अन्य पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भी अपने देश के नेताओं की टिप्पणियों की निंदा की थी। नशीद ने कहा था कि भारत मालदीव की सुरक्षा और समृद्धि में अहम सहयोगी है। ऐसे देश के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां नहीं की जानी चाहिए।