Gobi Manchurian: गोभी मंचूरियन एक फ्यूजन डिश है। जिसमें आम तौर पर तीखी लाल चटनी में लिपटे गोभी के फूल लोगों को खाने के लिए परोसे जाते हैं। यह शाकाहारी लोगों को खूब पसंद आता है। लेकिन इन दिनों में गोवा में इस डिश पर बवाल मचा हुआ है। आलम यह है कि गोवा के मापुसा शहर में गोभी मंचूरियन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
मापुसा पार्षद तारक अरोलकर ने जनवरी में बोडगेश्वर मंदिर जात्रा (दावत) में प्रस्ताव रखा था कि गोभी मंचूरियन पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। बाकी पार्षदों ने सहमति जताई। इसके बाद इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
क्यों लगाया गया प्रतिबंध?
मंचूरियन गोभी पर प्रतिबंध के पीछे की मुख्य वजह साफ-सफाई और सिंथेटिक रंगों का प्रयोग है। सिंथेटिक रंग के इस्तेमाल से गोभी को लाल रंग में रंगा जाता है। जिसका असर सेहत पर पड़ता है।
क्या पहले भी लगा है प्रतिबंध?
यह पहली बार नहीं है जब गोभी मंचूरियन पर बैन लगा है न ही मापुसा नगर परिषद गोभी मंचूरियन पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला नगर निकाय है। 2022 में श्री दामोदर मंदिर में वास्को सप्ताह मेले के दौरान खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने मोरमुगाओ नगर परिषद को गोबी मंचूरियन बेचने वाले स्टालों को प्रतिबंधित करने के निर्देश जारी किए। इस निर्देश से पहले एफडीए ने इसके प्रसार पर अंकुश लगाने के प्रयास में ऐसे स्टालों पर छापे मारे थे।
कब हुआ गोभी मंचूरियन का आविष्कार?
चाइनीज पाक शास्त्र के अग्रदूत नेल्सन वांग को चिकन मंचूरियन का आविष्कारक माना जाता है। 1970 के दशक में मुंबई में क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया को मंचूरियन परोसा गया था। कुछ नया बनाने की चुनौती के कारण वांग ने मसालेदार कॉर्नफ्लोर बैटर में चिकन नगेट्स को डीप फ्राई किया और उन्हें या तो सूखा या सोया सॉस, सिरका, चीनी और कभी-कभी टमाटर सॉस से बनी तीखी ग्रेवी में परोसा। इसी काल में गोभी मंचूरियन का भी जन्म हुआ। गोभी मंचूरियन इस व्यंजन का शाकाहारी विकल्प है।